Mahashivratri 2025: काशी में महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर शिवभक्ति अपने चरम पर है। गदा-त्रिशूल से सुसज्जित, भस्म और फूलों की माला से अलंकृत, हाथी-घोड़े की सवारी करते हुए नागा साधुओं का भव्य आगमन हुआ। हर-हर महादेव के गगनभेदी जयकारों के बीच करीब 10 हजार से ज्यादा नागा साधु बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए काशी पहुंचे।


काशी विश्वनाथ मंदिर की ओर जाने वाले मार्ग को नागा साधुओं के लिए विशेष रूप से बैरिकेडिंग कर सुरक्षित किया गया। लाखों श्रद्धालु नागा संतों के दर्शन और आशीर्वाद (Mahashivratri 2025) के लिए रात से ही सड़कों के किनारे इंतजार करते देखे गए।

भव्य पेशवाई को देखने के लिए लोगों का उत्साह चरम पर
भव्य पेशवाई की शुरुआत जूना अखाड़े के नागा संन्यासियों से हुई, जिनके साथ आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि भी मौजूद रहे। पेशवाई में गाड़ियों, ढोल-नगाड़ों और अस्त्र-शस्त्रों के साथ साधुओं ने अद्भुत करतब दिखाए। भक्तों का उत्साह देखते ही बन रहा था। आधी रात से लगभग 2 लाख श्रद्धालु तीन किलोमीटर लंबी कतार में खड़े हैं। सुबह तक 5 लाख से ज्यादा भक्त बाबा विश्वनाथ के दर्शन कर चुके थे।

Mahashivratri 2025: मंगला आरती के बाद खुला बाबा का कपाट
बाबा विश्वनाथ (Mahashivratri 2025) की भव्य मंगला आरती संपन्न हुई, जिसमें उन्हें दूल्हे की तरह सजाया गया। हालांकि, आरती के दौरान प्रवेश पर लगी रोक के कारण श्रद्धालुओं ने विरोध किया, लेकिन पुलिस ने समझदारी से स्थिति को संभाल लिया। इसके बाद मंदिर के कपाट खोल दिए गए और भक्तों ने दर्शन किए। इस दौरान विश्वनाथ धाम में शिवभक्तों पर जमकर पुष्पवर्षा की गयी, सभी में बेहद हर्षोल्लास और उत्साह नजर आया।


अस्सी घाट से लेकर दशाश्वमेध घाट तक हर ओर शंख, घंटे और हर-हर महादेव की गूंज सुनाई देती रही। केदारेश्वर महादेव मंदिर (Mahashivratri 2025) की सीढ़ियां श्रद्धालुओं से पूरी तरह भर गईं। गोदौलिया चौराहे पर पेशवाई को देखने के लिए सुबह से हजारों लोगों की भीड़ उमड़ी रही।

नागा साधु करतब दिखाते हुए, फूल, बेलपत्र और रुद्राक्ष वितरित करते हुए भक्तों को आशीर्वाद देते नजर आए। पूरे काशी विश्वनाथ धाम क्षेत्र में हर-हर महादेव के उद्घोष से माहौल भक्तिमय हो उठा।

भक्तों और साधु-संतों की भारी भीड़ को देखते हुए सुरक्षा (Mahashivratri 2025) के कड़े इंतजाम किए गए हैं। गोदौलिया चौराहा छावनी में तब्दील हो चुका है। काशी में शिवभक्ति का ऐसा नज़ारा देख हर कोई मंत्रमुग्ध हो उठा।
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