वाराणसी। मकर संक्रांति (Makar Sankranti) के पावन पर्व पर मंगलवार को भले ही ठंड कड़ाके की रही हो, लेकिन इससे आस्था पर कोई असर नहीं पड़ा। काशी के 84 घाटों पर लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा में पवित्र स्नान कर पुण्य अर्जित किया। भोर से ही घाटों पर “हर-हर महादेव” और “हर-हर गंगे” के जयकारे गूंजने लगे। ब्रह्म मुहूर्त से शुरू हुआ स्नान का सिलसिला दोपहर तक जारी रहा।

Makar Sankranti: घाटों पर दिखी श्रद्धालुओं की भारी भीड़
मंगलवार को वाराणसी के घाटों पर आस्था का जनसैलाब उमड़ा। राजघाट, गायघाट, दशाश्वमेध घाट और राजेंद्र प्रसाद घाट पर श्रद्धालुओं की सबसे अधिक भीड़ देखने को मिली। बनारस की दक्षिणी सीमा और आसपास के जिलों से बड़ी संख्या में लोग गंगा स्नान के लिए पहुंचे। महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग सभी ठंड को नजरअंदाज करते हुए पूरी आस्था के साथ गंगा में डुबकी लगाते नजर आए।

सुरक्षा के कड़े इंतजाम
श्रद्धालुओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए घाटों पर जल क्षेत्र में बैरिकेडिंग की गई थी। एनडीआरएफ की टीमें मुस्तैद रहीं और लगातार गश्त करती रहीं ताकि किसी भी अप्रिय घटना को टाला जा सके।

दान और भिक्षावृत्ति बनी चुनौती
घाटों पर दान लेने वालों की कतारें दिखीं, लेकिन साधुओं से अधिक भिखारी और उनके बच्चे सक्रिय नजर आए। स्नान के बाद लौटते श्रद्धालुओं से भिक्षा मांगने वाले बच्चों के झुंड से बचने के लिए कई महिलाओं ने घाटों पर दान करने की बजाय कुछ दूर जाकर अन्न, तिल और ऊनी वस्त्रों का दान किया।

खिचड़ी प्रसाद का वितरण
घाटों पर जय मां गंगा सेवा समिति द्वारा श्रद्धालुओं के लिए खिचड़ी प्रसाद का विशेष वितरण किया गया। हजारों श्रद्धालुओं ने इस प्रसाद को ग्रहण किया। इस आयोजन में स्वर्ण मिश्रा, बलराम मिश्रा और समिति के अन्य सदस्यों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।