वाराणसी स्थित बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के वाणिज्य संकाय में पांच दिवसीय साइबर सुरक्षा वर्कशॉप का आयोजन किया गया है। इस वर्कशॉप का उद्देश्य छात्रों को साइबर अपराध से बचने के तकनीकी और कानूनी पहलुओं की जानकारी देना और उन्हें साइबर एक्सपर्ट के रूप में तैयार करना है। वर्कशॉप के पहले दिन साइबर क्राइम थाना प्रभारी राजीव कुमार सिंह ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान में साइबर सुरक्षा एक अनिवार्य आवश्यकता बन गई है। उन्होंने छात्रों को वास्तविक केस स्टडीज के माध्यम से साइबर खतरों को पहचानने और उनसे निपटने के व्यावहारिक उपाय सिखाए।
विधि संकाय के डॉ. मयंक प्रताप ने साइबर कानून, मजबूत पासवर्ड की आवश्यकता, मल्टी-टियर लॉगिन सिस्टम और सिक्योर सॉकेट लेयर (SSL) के उपयोग पर जोर दिया। उन्होंने सेफ ब्राउजिंग की तकनीकों के महत्व पर भी प्रकाश डाला।
BHU: जागरूकता और ब्लैकमेलिंग से बचने की सीख
BHU के वर्कशॉप के दौरान डॉ. ईशी मोहन और डॉ. लाल बाबू जायसवाल ने कहा कि छात्रों को न केवल साइबर फ्रॉड से बचने के गुर सिखाए जा रहे हैं, बल्कि दूसरों को इस विषय में जागरूक करने की भी प्रेरणा दी जा रही है। ब्लैकमेलिंग के खतरों को समझाते हुए बताया गया कि कैसे साइबर अपराधी झूठे आरोप लगाकर लोगों से धन ऐंठने की कोशिश करते हैं। ऐसे मामलों में सतर्कता और संयम से काम लेना जरूरी है।
छात्रों को दी गई सुरक्षा तकनीकें
- सोशल मीडिया अकाउंट्स को सुरक्षित रखने के लिए स्टेप-2 वेरिफिकेशन का उपयोग।
- इंटरनेट बैंकिंग और सोशल नेटवर्किंग साइट्स से लॉगआउट करना न भूलें।
- केवल प्रमाणिक और सुरक्षित शॉपिंग वेबसाइट्स से खरीदारी।
- कस्टमर केयर नंबर ऑथेंटिक वेबसाइट से ही लेना।
- सोशल मीडिया पर व्यक्तिगत जानकारी और फोटो साझा करने में सतर्कता।
कार्यक्रम में वाणिज्य संकाय (BHU) प्रमुख प्रो. एचके सिंह, साइबर थाना के सब-इंस्पेक्टर श्यामलाल गुप्ता, पृथ्वी सिंह और दीना यादव के साथ अन्य विशेषज्ञों ने भी भाग लिया। यह वर्कशॉप न केवल छात्रों को साइबर अपराधों से बचने के लिए सशक्त बना रही है, बल्कि उन्हें समाज में जागरूकता फैलाने की प्रेरणा भी दे रही है।
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