Malviya Bridge: पड़ाव-राजघाट मार्ग मालवीय पुल बुधवार को ‘जाम पुल’ कहा जाने लगा। यहां लगी अकारण जाम को देख लोगों के मन में बस यही एक ख्याल आ रहा था। इस जाम में लोग घंटों फंसकर कराहते रहे।
गौरतलब है कि पड़ाव-मुग़लसराय मार्ग पर चौड़ीकरण के कारण पड़ाव से राजघाट मार्ग मालवीय पुल [Malviya Bridge] पर अक्सर लोगों को जाम का सामना करना पड़ रहा है। इसी बीच बुधवार को जाम इतना भीषण लगा कि लोगों को तीन किलोमीटर की दूरी भी तीस किलोमीटर की लगने लगी। सभी बस इस जाम और सड़क को कोसते हुए नजर आए। सबसे बड़ी बात यह रही कि जाम को छुड़ाने में पुलिसकर्मियों की संख्या भी काफी कम ही रही, जिससे समस्याओं का अंबार बनता गया।

बताया जा रहा है कि घंटों काफी देर तक लगे इस जाम में कई छात्र/छात्राओं की परीक्षाएं भी छूट गईं। वहीं इस भीषण जाम [Malviya Bridge] में अवधूत भगवान राम ट्रस्ट की एम्बुलेंस भी फंसी हुई नजर आई। हालात यह हो गए कि मालवीय पुल पर पैदल चलना भी दूभर हो गया। लोगों को आज का दृश्य देखकर वर्ष 2016 में जय गुरुदेव की रैली में हुई भगदड़ की यादें ताजा हो गईं। जिसमें 24 लोगों की मौत हो गई थी।
Malviya Bridge 2016 में हुआ था बड़ा हादसा
बता दें कि मालवीय पुल पर वर्ष 2016 में जय गुरुदेव की रैली आयोजित की गई थी। जिसमें बड़ी संख्या में भीड़ पुल के रास्ते पड़ाव होते हुए वाराणसी की ओर जा रही थी। इसी बीच पुल पर किसी ने अफवाह फैला दी कि पुल गिर रहा है। बस इतना सुनते ही पुल पर भगदड़ मच गई और मालवीय पुल पर उस दिन 24 मौतें हुईं थी। भीड़ इतनी ज्यादा हो गई थी कि पुल पर पांव रखने की भी जगह नहीं बची थी। आज भी जाम की स्थिति देख लोगों को कहीं न कहीं उसी भगदड़ की यादें ताजा हो रही थी।