Mass Earthquake: म्यांमार में शुक्रवार सुबह 7.7 तीव्रता का भूकंप आया, जिससे पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया। इस भूकंप के झटके भारत, थाईलैंड, बांग्लादेश, चीन समेत पांच देशों में महसूस किए गए। भूकंप के कारण म्यांमार और थाईलैंड में अब तक 23 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि सैकड़ों लोग घायल हैं।
म्यांमार और थाईलैंड में भारी तबाही
म्यांमार में 20 लोगों की जान चली गई, जबकि 300 से अधिक लोग घायल हुए हैं। कई मकान और ऐतिहासिक इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं। थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में एक निर्माणाधीन 30 मंजिला इमारत गिर गई, जिससे तीन लोगों की मौत हो गई और 80 से अधिक लोग लापता हैं। इस बिल्डिंग में करीब 400 लोग काम कर रहे थे, जिनमें से कई अब भी मलबे में दबे होने की आशंका है।
भूकंप का केंद्र और झटकों की तीव्रता
अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) और जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज (GFZ) के मुताबिक, भूकंप का केंद्र म्यांमार के सागाइंग शहर से 16 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में 10 किलोमीटर की गहराई पर था। इस शक्तिशाली भूकंप के बाद 12 मिनट बाद 6.4 तीव्रता का आफ्टरशॉक भी आया, जिससे और अधिक नुकसान हुआ।
Mass Earthquake: भारत, बांग्लादेश और चीन में भी महसूस हुए झटके
इस भूकंप के असर से भारत के कोलकाता, इंफाल, मेघालय और ईस्ट कार्गो हिल क्षेत्र में भी कंपन महसूस किए गए। बांग्लादेश के ढाका और चटगांव समेत कई हिस्सों में 7.3 तीव्रता के झटके दर्ज किए गए। भूकंप की तीव्रता इतनी अधिक थी कि लोग दहशत में अपने घरों और कार्यालयों से बाहर निकल आए।
म्यांमार में ऐतिहासिक इमारतों को नुकसान
भूकंप के कारण म्यांमार की राजधानी नेपीता में मंदिर और घरों को नुकसान पहुंचा। मांडले शहर में स्थित ऐतिहासिक शाही महल (Mandalay Palace) का कुछ हिस्सा ढह गया। सागाइंग क्षेत्र में एक पुल पूरी तरह से नष्ट हो गया, जिससे यातायात बाधित हो गया है।
थाईलैंड में आपातकाल घोषित
भूकंप के कारण हुई भारी तबाही को देखते हुए थाईलैंड की प्रधानमंत्री पाइतोंग्तार्न शिनवात्रा ने आपातकाल घोषित कर दिया है। बैंकॉक में ऊंची इमारतों में कंपन महसूस किए गए और कई घरों की दीवारों में दरारें आ गईं। कुछ इमारतों की छतों के टुकड़े टूटकर गिरने लगे, जिससे लोग दहशत में इमारतों से बाहर भागे।
सागाइंग फॉल्ट: भूकंप की वजह
म्यांमार में बार-बार आने वाले भूकंपों की मुख्य वजह सागाइंग फॉल्ट है। यह 1200 किलोमीटर लंबी भूगर्भीय दरार है, जो उत्तर से दक्षिण तक फैली हुई है। इसे ‘स्ट्राइक-स्लिप फॉल्ट’ कहा जाता है, जिसका मतलब है कि इसके दोनों तरफ की चट्टानें एक-दूसरे के बगल से खिसकती हैं, ऊपर-नीचे नहीं। यह दरार अंडमान सागर से हिमालय की तलहटी तक फैली हुई है।
भारतीय टेक्टॉनिक प्लेट उत्तर-पूर्व दिशा में बढ़ रही है, जिससे सागाइंग फॉल्ट पर लगातार दबाव बनता है और भूकंप आते हैं। 2012 में इसी क्षेत्र में 6.8 तीव्रता का भूकंप आया था, जबकि 1930 से 1956 के बीच 7 तीव्रता वाले छह से ज्यादा बड़े भूकंप दर्ज किए गए थे।
Highlights
भूकंप के बाद राहत और बचाव कार्य जारी
म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप से प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य जारी हैं। मलबे में फंसे लोगों को निकालने के लिए बचाव दल कड़ी मशक्कत कर रहे हैं। खासतौर पर बैंकॉक की गिरी हुई इमारत में लापता लोगों की तलाश तेज कर दी गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में और आफ्टरशॉक्स आ सकते हैं, जिससे और सतर्कता बरतने की जरूरत है।