वाराणसी। सिनेमा परदे की चमकदार शख्सियत उमराव जान के असल किरदार की 85वीं पुण्यतिथि सोमवार को मनाई गई। इस मौके पर सामाजिक संस्था डर्बीशायर क्लब के लोगों द्वारा फातमान स्थित उमराव जान की कब्र पर फातिहा पढ़ी और गुलपोशी किया।
इस अवसर पर क्लब अध्यक्ष शकील अहमद जादूगर ने उमराव जान की शक्सियत के बारे में बताते हुए कहा कि आज से 85 साल पहले फैजाबाद में पली बढ़ी उमराव पर दो फ़िल्में बनी थी। एक में चरित्र अभिनेत्री रेखा तो दूसरी में एश्वर्या ने उनका किरदार जीवंत किया था। शाकिल ने बताया कि फैजाबाद में ही उमराव ने गीत संगीत और नृत्य की शिक्षा ली थी।

मशहूर निर्देशक मुजफर अली ने सिनेमा पर्दे पर देश दुनिया के लिए पेश किया, तो उमराव का किरदार भारतीय सिनेमा में अमर हो गया। इसके साथ ही शकील अहमद ने राज्य सरकार से उमराव जान के मकबरे के लिए मार्क्स लाइट की मांग भी की। इस दौरान प्रमोद वर्मा, हैदर मौलाई आफाक हैदर, चिंतित बनारसी, विक्की यादव, बाले शर्मा, मो० राजू एवं बब्लू विश्वकर्मा की उपस्थिति रही।
क्या मात्र एक कल्पना थी ‘उमराव जान’
‘उमराव जान’ फिल्म वर्ष 1981 में हिन्दी भाषा की मशहूर फिल्म रही है। यह फ़िल्म मिर्ज़ा हादी रुस्वा के चर्चित उपन्यास उमराव जान ‘अदा’ पर आधारित थी। उस दौर में उमराव जान की वास्तविक चरित्र को लेकर भी काफी विवाद था कि कहीं उमराव जान मिर्ज़ा हादी रुस्वा की मात्र एक कल्पना तो नहीं। हालांकि उस समय में उमराव जान की कहानी से लोग परिचित थे। लिहाजा उनको जानने वाले लोग आज भी उनके कब्र पर श्रद्धांजलि अर्पित करते है।