- मतदाताओं को रिझाने का मंत्र-जनसंवाद, जनसम्पर्क व सम्मेलन
- चुनाव के पहले कील-कांटे दुरुस्त करने को कार्यकर्ताओं को निर्देश
- महापौर व पार्षदी की दावेदारी करने वाले नहीं होंगे स्क्रीनिंग कमेटी में
जितेंद्र श्रीवास्तव
वाराणसी। नगरीय निकाय चुनाव को लेकर हाईकोर्ट में भले ही वार्डों के ओबीसी आरक्षण को लेकर सुनवाई चल रही है और हाईकोर्ट ने चुनाव की अधिसूचना पर 20 दिसम्बर तक रोक लगा रखी है। बावजूद इसके शहरी निकाय चुनाव के लिए भाजपा ने पूरी तरह कमर कस ली है और तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। शहरी निकाय चुनाव फतह करने के लिए पार्टी ने नयी रणनीति बनायी है। भाजपा ने प्रबुद्ध सम्मेलन के बहाने इसकी शुरूआत भी कर दी है। निकाय चुनाव के बहाने पार्टी की नजर पूरी नजर 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव पर लगी हुई है। यहीं वजह है कि पार्टी निकाय चुनाव को सेमीफानइल के रूप में लेकर किसी प्रकार का कोई जोखिम उठाना नहीं चाहती। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने निकाय चुनाव के मतदाताओं को रिझाने के लिए पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को जो मंत्र दिया है, उसके तहत जनसंवाद, जनसम्पर्क और नगर से लेकर मंडल, बूथवाइज सम्मेलन पर भी फोकस किया गया है। पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ता इसी मंत्र को आत्मसात कर अपने-अपने काम में जुट भी गए हैं।
पार्टी सूत्रों की मानें तो प्रबुद्ध सम्मेलन के बाद पार्टी अब हर शहरी निकाय में कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित करेगी। जनसंपर्क और जनसंवाद पर भी पूरा फोकस होगा और इसके लिए व्यापक अभियान चलाया जाएगा। आगामी सप्ताह में हर क्षेत्र व जिलों में पार्टी की बैठकें शुरू होंगी, जिसमें कार्ययोजना को जमीन पर उतारने की रणनीति तय होगी। भाजपा के प्रदेश कार्यालय पर पिछले दिनों हुई बैठक में निकाय चुनाव को लेकर चुनावी अभियान की रूपरेखा तय की गई। काशी में हुए विकास को मॉडल बनाकर प्रदेश के अन्य शहरी निकाय को मथने पर भी चर्चा हुई। अधिक से अधिक जनसंवाद, जनसम्पर्क और सम्मेलनों पर फोकस किया गया। चुनाव के पहले समस्त कील-कांटे को दुरुस्त करने को पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को निर्देश दिये गये। यह भी स्पष्ट कर दिया गया कि महापौर और पार्षदी की दावेदारी करने वालों को किसी कीमत पर स्क्रीनिंग कमेटी में न रखा जाए। पार्टी सूत्रों की मानें तो निकाय चुनाव के धुरंधर खिलाड़ियों को चुनावी जीत के टिप्स दिये गये और विपक्षियों के हर एक किले को भेदने की रणनीति बनाई गई। इतना ही नहीं, विपक्षियों के हर शब्दबाण और रणनीति को काटने का भी मंत्र दिया गया।
अपने-पराये या खास-आम से करें परहेज
पार्टी सूत्रों की मानें तो निकाय चुनाव को लेकर प्रदेश कार्यालय पर पिछले दिनों हुई बैठक में प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने पदाधिकारियों से कहा कि पार्टी की प्राथमिकता जिताऊ प्रत्याशी है। इसलिए, अपने-पराए या खास-आम से ऊपर उठकर सही नाम ही आगे बढ़ाएं। किसी को भी टिकट के लिए कोई आश्वासन न दें। स्क्रीनिंग कमेटी से ही नाम तय कर प्रदेश को भेजे जाएं। संपर्क, संवाद, समन्वय, सामंजस्य एवं सामूहिकता की नीति पर पार्टी चुनाव लड़ेगी।
चुनाव के पहले दुरुस्त कर लें कील-कांटे
पार्टी सूत्रों की मानें तो पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से कहा गया है कि चुनाव के पहले एक बार फिर मंडल से लेकर बूथ स्तर तक संगठन के कील-कांटे दुरुस्त कर लें। सामाजिक व स्थानीय हिस्सेदारी का संतुलन जरूर हो। प्रदेश स्तर पर हुई बैठक में प्रदेश संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए हमें प्रदेश में अपनी संगठनात्मक संरचना को और अधिक मजबूत करना है। इसलिए, सशक्त मंडल, सक्रिय बूथ समिति, पन्ना प्रमुख व पन्ना समिति की संरचना को जांच लें। शहरी निकाय के चुनावों के लिए वॉर्ड समिति और बूथ समिति का गठन भी जल्द कर लें। जिससे संपर्क व संवाद के जरिए सरकार-संगठन की बात घर-घर तक पहुंचाई जा सके।
टिकट मांगने वाले स्क्रीनिंग कमेटी का हिस्सा नहीं होंगे
पार्टी सूत्रों की मानें तो हर जिले में प्रत्याशियों के चयन के लिए स्क्रीनिंग कमेटी बनाई जा रहा है। जहां बन गयी है, वहां तो ठीक। लेकिन जहां अभी तक जाएगी। महापौर, नगरपालिका अध्यक्ष, नगर पंचायत अध्यक्ष व इन निकायों के पार्षद प्रत्याशी स्क्रीनिंग कमेटी की संस्तुति पर तय होंगे। कमेटी में जिलाध्यक्ष, जिला प्रभारी, वहां के रहने वाले प्रदेश पदाधिकारी, संबंधित निकाय से जुड़े सांसद, विधायक, पूर्व विधायक शामिल होंगे। हालांकि, बैठक में पदाधिकारियों से साफ कह दिया गया है कि अगर वह अपने लिए टिकट मांग रहे हैं तो वह स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक का हिस्सा नहीं बनेंगे।
‘मन की बात’ की होगी लाइव मॉनिटरिंग
पीएम नरेंद्र मोदी की हर महीने होने वाली ‘मन की बात’ कार्यक्रम की बूथ स्तर तक मॉनिटरिंग और बेहतर होगी। इसके लिए एक ऐप लांच किया गया है। प्रदेश कार्यालय पर पिछले दिनों पदाधिकारियों की हुई बैठक में इसका प्रेजेंटेशन भी किया गया। ‘मन की बात’ कार्यक्रम को पार्टी के प्रदेश से बूथ स्तर तक पदाधिकारी आम जनता के साथ सुनते हैं। इसकी रिपोर्ट भी संगठन को उच्च स्तर पर भेजी जाती है। अब इसकी ऑनलाइन मॉनिटरिंग होगी। कार्यक्रम के समय बूथ अध्यक्ष ऐप से लॉग इन करेंगे और उस पर ‘मन की बात’ सुनते हुए लाइव फोटो अपलोड करेंगे।