वाराणसी। काशी के 84 घाटों में से एक नमो घाट (Namo Ghat) का उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ देव दीपावली के अवसर पर करने वाले हैं। यह घाट प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक है। साथ ही, यह घाट पर्यटन की दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण है। सीएम के हाथों उद्घाटित होने वाले इस घाट पर भारतीय संस्कृति और प्राचीन शिल्पकला का भी उदाहरण देखने को मिल रहा है। एक ओर जहां घाट पर 75 फीट ऊंचे बने नमो की कलाकृति विश्वभर में प्रसिद्ध हो रही है, वहीं घाट पर बने खंभे प्राचीन वास्तु और शिल्पकला को दर्शा रहे हैं।
करीब 76 करोड़ रुपये की लागत से दो चरणों में बनकर तैयार हुए इस घाट (Namo Ghat) पर आधुनिक सुविधाओं का समावेश किया गया है, जिसमें वॉकवे, हेलीपोर्ट, जेटी, ओपन एयर थिएटर और फूड कोर्ट जैसी सुविधाएं शामिल हैं। जहां बच्चों के खेलने, कूदने से लेकर मनोरंजन की सभी सुविधाएं मौजूद हैं। देव दीपावली पर इस घाट का उद्घाटन जहां सीएम योगी करेंगे, वहीं यहां एक विशाल जनसभा भी करेंगे। इस दौरान मुख्यमंत्री लगभग 5 हजार लोगों को संबोधित करेंगे।

नमो घाट (Namo Ghat) को जल, थल और नभ मार्गों से जोड़ा गया है, जिससे यह गंगा का ऐसा पहला घाट बन गया है। प्रशासन, देव दीपावली के आयोजन को लेकर सुरक्षा और सुविधाओं का विशेष ध्यान रखते हुए तैयारियों में जुटा है। वैसे नमो घाट इस समय पूरे विश्व में प्रसिद्ध हो रहा है। बताया जा रहा है कि काशी के 84 घाटों में यह अब सबसे बड़ा घाट बनने जा रहा है, जहां अत्याधुनिक सेवाएं होंगी। इसके साथ ही यह घाट पर्यटन की दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण है।

Namo Ghat: 21 हजार वर्ग क्षेत्र में हुआ है निर्माण
नमो घाट का निर्माण 21,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में किया गया है। इसमें वॉकवे, नदी तक जाने वाली सीढ़ियां, रैंप, फोर-व्हीलर और टू-व्हीलर पार्किंग, ओपन थिएटर, टॉयलेट, फूड कोर्ट और गजीबो बेंच जैसी सुविधाओं का निर्माण किया गया है। पहले चरण की लागत 36 करोड़ और दूसरे चरण में 40 करोड़ की लागत से यहां 60,000 वर्ग मीटर के क्षेत्र में हेलीपोर्ट, वाटर स्पोर्ट्स एरिया, वीआईपी लाउंज, चिल्ड्रेन प्ले एरिया, और विसर्जन कुंड जैसे क्षेत्र विकसित किए गए हैं। यहां के खंभों में प्राचीन शिल्पकला व वास्तुकला के उदाहरण भी देखने को मिल रहे हैं।
Highlights

जल, थल और नभ मार्ग से कनेक्टिविटी
नमो घाट की एक विशेषता यह है कि यह घाट जल, थल और नभ तीनों मार्गों से जुड़ा हुआ है। यहां से अयोध्या समेत अन्य धार्मिक नगरों के लिए हेलीकॉप्टर सेवा शुरू करने की योजना है, जो महाकुंभ तक शुरू हो सकती है। इससे श्रद्धालुओं को बाबा विश्वनाथ और रामलला के दर्शन के लिए यात्रा में सुविधा मिलेगी। इसके लिए यहां हेलीपैड भी बनकर तैयार है।


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