वाराणसी। चैत्र नवरात्रि (Navratri 2023) के पहले दिन वाराणसी में आदिशक्ति जगदम्बा के मंदिरों में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। भोर से शुरू हुई लाइन देर शाम तक लगी रही। नवरात्रि के पहले दिन व्रतियों और आम भक्तगणों ने मां दुर्गा के प्रथम स्वरुप हिमालय पुत्री शैलपुत्री का दर्शन पूजन किया। मां शैलपुत्री का मंदिर वाराणसी में वरुणा नदी के किनारे अलईपुरा क्षेत्र में स्थित है, वहीँ मुख निर्मालिका गौरी का मंदिर गायघाट क्षेत्र में स्थित है।

शैलपुत्री मंदिर में सुबह से भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी रही। मंदिर के बाहर करीब एक किमी तक दर्शन करने वालों की लम्बी लाइन लगी रही। पूर मंदिर परिसर जय शेरोवाली के जयघोष से गूंज उठा। वहीँ दूसरी ओर दुर्गाकुंड स्थित दुर्गा मंदिर में भी सुबह से ही भक्तों की लाइन लगी रही। भक्तगण माता रानी की एक झलक के लिए बेताब दिखे।

महिलाओं ने माता को लाल चुनरी, नारियल और सिन्दूर चढ़ाकर अखंड सौभाग्यवती का आशीर्वाद माँगा। साथ ही परिवार की रक्षा, सुख-शांति और समृद्धि की भी कामना की। 9 दिवसीय इस महापर्व का पारण 30 मार्च को होगा। इस दौरान कुछ लोग नौ दिन, तो कुछ लोग चढ़ती-उतरती ही व्रत का पालन करेंगे।

शैलपुत्री मंदिर की मान्यता है कि मां भयनाशक हैं। भक्तों में दर्शन मात्र से ही ऊर्जा का संचार हो जाता है। उनकी आराधना से धन, वैभव, कीर्ति, यश सबकुछ मिल जाता है। माता शैलपुत्री पर्वतराज हिमालय के घर जन्मी थीं। उनका विवाह देविधिदेव महादेव के साथ हुआ था।
दर्शनार्थियों के मंदिर में दर्शन के दौरान प्रशासन के ओर से सुरक्षा के कड़े इंतेज़ाम किये गये थे। मंदिरों के बहार बरिकेडिंग की गई थी। वहीँ, पुलिस हर आने जाने वाले पर नजर रख रही थी। इस दौरान चप्पे-चप्पे पर पुलिस की तैनाती दिखी।