- बोले रेलवे बोर्ड सदस्य ट्रेक्शन
- गुरुवार को रेलवे बोर्ड सदस्य ट्रेक्शन नवीन गुलाटी ने कैंट स्टेशन यार्ड री-मॉडलिंग का निरीक्षण किया
- पत्रकारों से वार्ता करते हुए गंगा पर बनने वाले सिग्नेचर ब्रिज और काशी स्टेशन की बताई टाइमलाइन
वाराणसी। कैंट स्टेशन (वाराणसी जंक्शन) के यार्ड री-मॉडलिंग को पूरा होने के लिए 31 मार्च 2023 को डेट लाइन बनाई गई थी, इसके बाद इसको बढ़ाकर 28 अप्रैल कर दी गई, अब नई डेडलाइन जून तय की गई है।
गुरूवार को कैंट स्टेशन पर निरीक्षण के दौरान पत्रकारों से वार्ता करते हुए रेलवे बोर्ड के सदस्य (कर्षन एव रोलिंग स्टॉक) नवीन गुलाटी ने बताई। कैंट स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर स्थित निदेशक कक्ष में अयोजित प्रेसवार्ता में नवीन गुलाटी ने भारतीय रेलवे में आधुनिक बदलाव और यात्री सुविधाओं में वृद्धि के बाबत जानकारी साझा किया। उन्होंने बताया लक्ष्य के सापेक्ष कैंट स्टेशन पर यार्ड री-मॉडलिंग का कार्य जून के अंतिम सप्ताह तक पूरा हो जाएगा।
मालवीय ब्रिज के समानांतर गंगा नदी में प्रस्तावित सिग्नेचर ब्रिज की परियोजना चार वर्षों के अंदर आकर लेने लगेंगी। वहीं काशी स्टेशन पर मेजर अपग्रेडेशन का कार्य ढाई वर्ष में पूरा हो जाएगा। कैंट स्टेशन पर निमार्णाधीन परियोजनाएं जुलाई तक मूर्तरूप लेंगी। एनआई व बीएनआई को लेकर जल्द ही अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। बताया कि यार्ड री-मॉडलिंग के बाद कैंट स्टेशन पर गाड़ियों की संख्या बढ़ेगी।
यहां से लम्बी दूरी की ट्रेनें चलाने का प्रस्ताव है। इसके पश्चात् उन्होंने स्थानीय अधिकारियों के साथ विकास कार्यों के प्रगति की समीक्षा की। बैठक में मौजूद कार्यदाई संस्था के प्रतिनिधियों को संरक्षा मानकों का ध्यान रखते कार्यों को अविलंब पूरा कराने का निर्देश दिया। इस मौके पर अपर मंडल रेल प्रबंधक लालजी चौधरी, निदेशक गौरव दीक्षित सहित इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे। इसके पूर्व रेलवे बोर्ड सदस्य ने तीसरे फूट ओवरब्रिज का निरीक्षण किया। स्टेशन के तीसरे प्रवेश व निकासी द्वार का मुआयना किया। इसके अतिरिक्त स्टेशन परिसर में निमार्णाधीन परियोजनाओं का स्थलीय मुआयना किया।
मालगाड़ियों में हाइड्रोजन फ्यूल का ट्रायल
भारतीय रेलवे में हाइड्रोजन फ्यूल डीजल और विद्युत का बेहतर विकल्प होगा। पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से यह क्रान्तिकारी पहल होगी। रेल इंजन हाइड्रोजन फ्यूल से पटरियों पर दौड़ेंगे। पहले चरण में गुड्स ट्रेनों में इस ईंधन का प्रयोग किया जाएगा। रेलवे बोर्ड के सदस्य (कर्षन एव रोलिंग स्टॉक) नवीन गुलाटी ने बताया कि इसका ट्रायल किया जा रहा है।