इस साल चैत्र नवरात्रि 22 मार्च से शुरू होने वाली हैं। इस दौरान देवी के नौ स्वरूपों की आराधना की जाती है, तथा भक्त इस दौरान व्रत भी रखते हैं। नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना करके माता दुर्गा की विधिवत पूजा की जाती है। इस दौरान देवी के भिन्न-भिन्न स्वरूपों को अलग-अलग तरह का भोग अर्पित किया जाता है। ऐसे में यहां देखिए हर दिन चढ़ाया जाने वाला भोग-

1) नवरात्रि के पहले दिन मां के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा की जाती है। इस दिन देवी मां को देसी घी का भोग लगाया जाता है। मान्यता है कि प्रसाद भक्त को बीमारी और दर्द से रहित जीवन का आशीर्वाद दे सकता है।

2) दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी को सिंपल चीजों का भोग लगता है, जैसे शक्कर और फल। ऐसी मान्यता है कि यह परिवार के सदस्यों को दीर्घायु प्रदान करती हैं।

3) नवरात्रि के तीसरे दिन मां दुर्गा के उग्र स्वरूप को दूध, मिठाई तथा खीर का भोग लगता है। मान्यता है कि मां चंद्रघंटा सिंह की सवारी करती हैं और हर बुराई का नाश करती हैं।

4)चौथे दिन माता के चौथे स्वरूप मां कुष्मांडा की पूजा-अर्चना कि जाती है साथ ही कहते हैं कि माँ ने पूरे ब्रह्मांड का निर्माण किया। इस दिन देवी को मालपुए का भोग लगाया जाता है।

5) चैत्र नवरात्रि के पांचवें दिन केले के भोग से मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है। मान्यता है कि भोग से भक्तों को शारीरिक रोगों से मुक्ति मिलती है,बच्चों का करियर अच्छा रहता है।

6) नवरात्रि के छठे दिन मां दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी को शहद का भोग अर्पित किया जाता है।

7) मां कालरात्रि को गुड़ और गुड़ से बनी चीज़ों का भोग लगता है। सातवें दिन इस प्रसाद का कुछ अंश ब्राह्मणों को भी दिया जाता है।

8) आठवें दिन मां महागौरी को भोग के रूप में नारियल का भोग लगाकर मां महागौरी की विधिवत पूजा की जाती है।

9) नौवें तथा अंतिम दिन मां सिद्धिदात्री को तिल भोग के तौर पर चढ़ाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि देवी भक्तों को आशीर्वाद देती हैं और उन्हें और उनके परिवार के सदस्यों को दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं से बचाती हैं।

Anupama Dubey