NIA Vns Raid: वाराणसी समेत पूर्वांचल के कई जिलों में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने छापेमारी की। जिससे हड़कंप मचा रहा। बिहार और बलिया से नक्सलियों की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में मिले ठोस सबूतों के आधार पर एनआईए की टीम ने वाराणसी के महामनापुरी कॉलोनी के एक मकान में छापेमारी की। बताया जा रहा है कि इसके लिए जांच एजेंसी लम्बे समय से सबूत जुटा रही रही थी। साथ ही सभी की गतिविधियों पर नजर भी रखी जा रही थी।
जिसके बाद NIA ने मंगलवार को वाराणसी और आसपास के कई जिलों में छापेमारी कर प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों को पुर्नजीवित करने के लिए CPI (माओवादी) के नेताओं व कैडरों आदि के प्रयासों के खिलाफ कार्रवाई की।
NIA ने बुधवार को रिलीज़ जारी करते हुए कहा कि जांच से संकेत मिलता है कि कई फ्रंटल संगठनों व छात्र विंगों को भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के इरादे से कैडरों को प्रेरित करने व भर्ती करने और CPI की विचारधारा का प्रचार प्रसार करने का काम सौंपा गया है। वे इस एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए आतंक और हिंसा की साजिश रच रहे थे।
NIA को छापेमारी के दौरान सिम कार्ड, नक्सली साहित्य, किताबें, पर्चे, पॉकेट डायरी, धन रसीद किताबें और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेजों के साथ-साथ मोबाइल फोन, लैपटॉप, पेन ड्राइव, कॉम्पैक्ट डिस्क और मेमोरी कार्ड सहित कई डिजिटल उपकरण भी मिले। जिसे उनलोगों की टीम ने जब्त कर लिया। वाराणसी, प्रयागराज, चंदौली, देवरिया और आजमगढ़ में आठ स्थानों पर आरोपियों और संदिग्धों के परिसरों पर छापेमारी (NIA Vns Raid) की गई।

एनआईए की जांच से यह भी पता चला है कि प्रमोद मिश्रा आतंकवादी संगठन को पुनर्जीवित करने के प्रयासों में सीपीआई (माओवादी) के कैडरों और समर्थकों/ ओवर ग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यूएस) का नेतृत्व कर रहा था। पिछले महीने बिहार पुलिस ने रितेश विद्यार्थी के भाई रोहित विद्यार्थी को गिरफ्तार किया था। रोहित से पूछताछ के बाद राज्य पुलिस को सीपीआई (माओवादी) के सीसी सदस्य और एनआरबी (उत्तरी क्षेत्रीय ब्यूरो) के प्रभारी प्रमोद मिश्रा की गिरफ्तारी तक ले जाया गया।
इन गिरफ्तारियों के बाद राज्य पुलिस ने हथियार, गोला-बारूद और एक बंदूक फैक्ट्री जब्त (NIA Vns Raid) की गई थी। मामले के संबंध में एनआईए द्वारा पहले दर्ज की गई एफआईआर में आरोपी मनीष आजाद और रितेश विद्यार्थी और उनके सहयोगियों विश्वविजय, सीमा आजाद पत्नी विश्वविजय, अमिता शिरीन का नाम शामिल था। मनीष आजाद, कृपा शंकर, सोनी आजाद, रितेश विद्यार्थी, आकांक्षा आजाद और राजेश आजाद कुछ प्रमुख आरोपी सीपीआई (माओवादी) के पुनरुद्धार प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं।
एनआईए ने हाल ही में बिहार से चार नक्सलियों को गिरफ्तार किया था। इसी तरह यूपी एटीएस ने भी पिछले दिनों बलिया से एक महिला सहित पांच नक्सलियों को गिरफ्तार करके जेल भेजा था। अब पूर्वांचल सहित प्रदेश के अलग- अलग जिलों में छापे (NIA Vns Raid) मारे गए हैं। खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, बिहार के औरंगाबाद जिले से रोहित राय उर्फ प्रकाश उर्फ धर्मराज और उसके साथी प्रमोद यादव को गिरफ्तार किया गया था। बीटेक पास रोहित राय का चंदौली के सैयदराजा क्षेत्र से गहरा संबंध है और परिवार चंदौली में रहता है।
एक दशक पहले भगत सिंह छात्र मोर्चा के सक्रिय सदस्य के तौर पर रोहित राय की वाराणसी में अलग पहचान रही है। इसी तरह पटना से प्रमोद मिश्रा को उसके सहयोगी अनिल यादव के साथ गिरफ्तार किया गया था। प्रमोद अपने करीबियों के साथ पूर्वांचल में नक्सल विचारधारा का प्रचार-प्रसार करता था। नई टीम खड़ी कर रहा था। फिलहाल, शीर्ष एजेंसियों को कैमूर निवासी विनोद शंकर की सरगर्मी से तलाश है। साथ ही आजमगढ़ के खिरियाबाग आंदोलन में सक्रिय रहे चेहरों पर खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों (NIA Vns Raid) की खास नजर है।
NIA Vns Raid: मुखौटा संगठनों के माध्यम फैल रहे नक्सली
अफसरों के मुताबिक, जंगलों में नक्सलियों की राह मुश्किल होनी शुरू हुई तो उन्होंने एक नई तरकीब निकाली। अब वह मुखौटा संगठनों के माध्यम से बिहार से सटे पूर्वांचल के जिलों में गोपनीय तरीके से अपनी विचारधारा का प्रचार- प्रसार करने के साथ ही शहर के पढ़े-लिखे वर्ग की एक नई टीम तैयार कर रहे हैं। इन्हें पर्याप्त फंडिंग भी की जा रही है।
उधर, भगत सिंह छात्र मोर्चा ने बयान जारी करके कहा कि एनआईए सरकारी एजेंसी की तरह नहीं काम (NIA Vns Raid) कर रही है। इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा। कोई डरा नहीं सकता आवाज उठाते रहेंगे। संगठन से जुड़ी एक छात्रा ने कहा कि हम जनता के हित में कम कर रहे हैं। हमारे खिलाफ माहौल तैयार किया जा रहा है।
बीएचयू के सामाजिक विज्ञान संकाय से एमफिल कर रही आकांक्षा आजाद ने बताया कि वह झारखंड के गिरीडीह की रहने वाली हैं। उनके साथ उन्हीं की संकाय की एमए की छात्रा सिद्धि और नई दिल्ली की इप्शिता रहती हैं। इप्शिता फिलहाल घर गई है। बीते 27 अगस्त को सामाजिक कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के विरोध में आवाज बुलंद की थी।

इसके एक सप्ताह बाद तीन राज्यों की एनआईए की टीम ने छापा (NIA Vns Raid) मारा। इसका विरोध करते हैं। कोई हमें डरा नहीं सकता है। देश में नया ट्रेंड चल पड़ा है। जब कोई सत्ता के खिलाफ आवाज उठाता है, उसे नक्सली या आतंकवादी घोषित करने की मुहिम शुरू हो जाती है। आगे भी समाज हित के लिए लड़ते रहेंगे।
मकान तत्काल खाली करने का आदेश
एनआईए की टीम (NIA Vns Raid) आकांक्षा आजाद के आवास से बाहर निकली तो कॉलोनी के लोग मौके जुट गए। करौंदी वार्ड के पार्षद श्याम भूषण शर्मा ने मकान मालिक से कहा कि तत्काल आवास खाली कराएं। आरोप है कि पार्षद ने आपत्तिजनक बात भी कही। इस पर आकांक्षा और सिद्धि ने आपत्ति जताई तो स्थिति हंगामेदार हो गई। इस दौरान स्थानीय निवासियों और छात्राओं में कुछ बहसबाजी भी हुई।
चितईपुर थाने की पुलिस ने पार्षद और मौके पर मौजूद अन्य लोगों को हटाया। सभी को शांतिपूर्ण तरीके से रहने के लिए कहा। एहतियातन मौके पर क्यूआरटी तैनात कर दी गई थी। उधर, लखनऊ व बिहार नंबर की दो गाड़ियों से आई एनआईए की टीम (NIA Vns Raid) व पुलिस की मौजूदगी से महामनापुरी कॉलोनी के लोग घबराए हुए थे। कॉलोनी की संकरी सड़क में एनआईए के दो वाहन खड़े होने के कारण लोगों को आने-जाने में असुविधा भी हो रही थी।
‘आप माओवादियों के संपर्क में हैं’: NIA
एनआईए की पूछताछ (NIA Vns Raid) के बाद आकांक्षा ने कहा कि आवास का दरवाजा एनआईए की टीम ने सुबह 5:30 बजे खटखटाया। कमरों की तलाशी और लैपटॉप को खंगालने के काफी देर बाद एनआईए के अफसरों ने कहा कि हमें शक है कि आप माओवादियों के संपर्क में हैं। इसके बाद कमरे में मिली पत्रिकाओं, पंफलेट, पंचों, रसीदों सहित अन्य सामग्रियों के बारे में पूछताछ की गई। दोपहर करीब डेढ़ बजे एनआईए की टीम फ्लैट से बाहर चली गई।
अच्छे से रहती हैं बीएचयू की छात्राएं
मकान मालिक की मां विद्यावती देवी ने कहा कि बीएचयू में पढ़ने वाली तीन लड़कियां रहती हैं। करीब चार महीने से किराये पर हैं। लड़कियां अच्छी हैं। उनके कमरे पर किसी का बहुत आना-जाना नहीं होता है। इनसे कोई दिक्कत नहीं है। छापे (NIA Vns Raid) के दौरान क्या हुआ, इस सवाल पर बुजुर्ग विद्यावती देवी ने कहा कि हम तो खुद ही कैद थे। हमें क्या पता कि क्या हुआ और क्या नहीं हुआ।
Highlights
NIA Vns Raid: मीडिया से पुलिस को दूर रहने के निर्देश
एनआईए की सात सदस्यीय टीम मंगलवार की तड़के 3:30 बजे लंका थाने पहुंची। लंका और चितईपुर थाने की फोर्स को साथ लिया, फिर आकांक्षा आजाद के ठिकाने पर छापा मारा। एनआईए की टीम (NIA Vns Raid) ने पुलिस कर्मियों से कहा कि कोई भी किसी तरह का बयान मीडिया को नहीं देगा। इसके बाद दो महिला सब इंस्पेक्टर और सात कांस्टेबल के साथ टीम ने आकांक्षा के आवास में प्रवेश किया। बाहर फोर्स के साथ चितईपुर थानाध्यक्ष बृजेश कुमार मिश्रा तैनात रहे।
समर्थन में आए तीन छात्रों को पुलिस ने लौटाया एनआईए के छापे की जानकारी पाकर भगत सिंह छात्र मोर्चा से जुड़े तीन छात्र पहुंचे। तीनों का कहना था कि वह आकांक्षा से मिलना चाहते हैं, लेकिन पुलिस ने तीनों को रोक दिया।
बता दें कि NIA ने इससे पहले वाराणसी में 19 अक्टूबर 2022 को छापेमारी की थी। तब खजुरी निवासी बासित कलाम सिद्दीकी को गिरफ्तार किया गया था। बासित पर नौजवानों का ब्रेनवाश कर उन्हें आईएस में भर्ती कराने का आरोप लगा था।