- मौसम के मिजाज पर भी अटकी निगाहें
वाराणसी। निकाय चुनाव (Nikay Chunav) में ज्यादा से ज्यादा समर्थन और सहयोग हासिल हो इसके लिए उम्मीदवारों की ओर से क्षेत्र में पूरी ताकत झोंक दी गई है। सबकी निगाहें मतदान प्रतिशत पर टिक गई हैं। क्योंकि मतदान प्रतिशत ही अंतिम रूप से उम्मीदवारों की किस्मत तय करेगा। जिसके घटने और बढ़ने पर चुनाव के समीकरण पर खासा असर पड़ने की संभावनाएं जताई जा रही हैं। चुनाव में बड़े दलों और दिग्गजों की साख भी दाव पर लगी है।
चुनाव अपने अंतिम दौर में हैं। मंगलवार की शाम तक चुनाव प्रचार थम जाएगा। जिसके बाद उम्मदवारों के लिए सबसे बड़ी चुनौती वोटरों को बूथ तक पहुंचाने की होगी। इसके लिए राजनीतिक दलों और निर्दलिय उम्मीदवारों की ओर से बूथ एजेंटों को जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। राजनीतिक दल अपने-अपने कार्यकर्ताओं को इसकी जिम्मेदारी सौंप रहे हैं। जबकि दलों की ओर से वोटरों को घर से निकाल कर बूथ तक पहुंचाने के लिए अलग से कार्यकर्ताओं को लगाया जा रहा है।
वोटरों को बूथ तक पहुंचाना इनके लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है। मौसम भी इन दिनों चुनाव पर मेहरबान दिखाई दे रहा है। गुरुवार को होने वाले मतदान के दिन भी अगर मौसम का मिजाज खुशनुमा रहा तो मतदान प्रतिशत पर इसका खासा असर देखने को मिल सकता है। वहीं अगर चिलचिलाती धूप जैसी स्थिति रही तो मतदान प्रतिशत पर प्रभाव पड़नें की संभावनाएं हैं। राजनीतिक जानकारों की मानें तो धूप मतदान प्रतिशत पर प्रभाव डाल सकता है। जिससे रराजनीतिक समीकरण बिगड़ने की संभावनाएं होंगी। जिससे कुछ राजनीतिक दलों को नुकसान तो कुछ को फायदा मिलने के आसार बन जाएंगे। इसमें वोटरों को बूथ तक पहुंचाने की भूमिका सबसे मायने रखेगी। जिस पार्टी के वोटर ज्यादा से ज्यादा बूथ तक पहुंचने में कामयाब होंगे। उनको चुनाव में फायदा मिलेगा।
महापौर की सीट पर बीते चुनावों की झलक
निकाय चुनाव 2017 में महापौर के लिए छह उम्मीदवार मैदान में थे। जिसमें कुल मतदाताओं के सापेक्ष 41.64 मतदान प्रतिशत रहा। जिसमें विजेता भाजपा उम्मीदवार मृदुला जायसवाल को 17.71 प्रतिशत मत प्राप्त हुए थे। वहीं निकटम प्रतिद्वंदी कांग्रेस उम्मीदवार शालिनि यादव ने 10.5 प्रतिशत मत प्राप्त किए थे। इस दौरान दो उम्मीदवारों से ज्यादा 1.18 प्रतिशत मत नोटा ने प्राप्त किया था। जबकि 2012 निकाय चुनाव में भाजपा के महापौर उम्मीदवार रामगोपाल मोहले ने अपने निकटम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के अशोक सिंह को 62,096 के अंतर से हराया था। इस दौरान कुल 16 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे।