वाराणसी। काशी विश्वनाथ की नगरी में आगामी नवरात्रि के मद्देनजर मीट और मछली की दुकानों (Nonvage Shop) को बंद रखने का फैसला लिया गया है। नगर निगम की कार्यकारिणी की बैठक में यह निर्णय लिया गया, जिसके तहत नगर क्षेत्र में 30 मार्च से रामनवमी (17 अप्रैल) तक मांस, मछली की बिक्री पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगी।
महापौर अशोक तिवारी ने इस आदेश को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने नगर आयुक्त को आदेश दिया कि सुनिश्चित किया जाए कि प्रतिबंधित क्षेत्र में कोई भी दुकान खुली न रहे और इस फैसले का कड़ाई से अनुपालन हो।
Nonvage Shop: धार्मिक स्थलों और स्कूलों के पास सिगरेट की बिक्री पर रोक
नगर निगम कार्यकारिणी ने धार्मिक स्थलों और स्कूलों के आसपास सिगरेट व अन्य तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर रोक लगाने का भी प्रस्ताव पास किया। इस निर्णय के बाद नगर निगम को यह सुनिश्चित करना होगा कि धार्मिक स्थलों और शैक्षणिक संस्थानों के पास किसी भी प्रकार की नशे से जुड़ी सामग्री न बेची जाए।
नवरात्रि के दौरान सफाई व्यवस्था पर विशेष ध्यान
नवरात्रि के दौरान वाराणसी के नौ प्रमुख देवी स्थलों और अन्य मंदिरों के आसपास सफाई व्यवस्था को लेकर भी विशेष निर्देश दिए गए। कार्यकारिणी सदस्य मदन दुबे ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि नवरात्र में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटती है, जिससे मंदिरों और उनके आसपास के इलाकों में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
इस पर महापौर ने निर्देश दिया कि मंदिरों के आसपास नियमित सफाई कराई जाए, सड़कों पर सीवर का पानी न बहे, कूड़ा-कचरा समय पर उठाया जाए और श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा न हो।
बर्थ सर्टिफिकेट में देरी, छात्रों का भविष्य अधर में
बैठक में छात्रों के जन्म प्रमाण पत्र जारी करने में हो रही देरी का मुद्दा भी जोरशोर से उठाया गया। कार्यकारिणी सदस्यों ने कहा कि एडमिशन का समय चल रहा है, लेकिन नगर निगम के कर्मचारियों की लापरवाही के चलते प्रमाण पत्र समय पर नहीं मिल रहे, जिससे छात्रों के भविष्य पर असर पड़ रहा है।
महापौर ने नगर आयुक्त को आदेश दिया कि 30 मार्च तक सभी लंबित आवेदन पूरे किए जाएं और प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए।
जल बिल में गड़बड़ी, 30 अप्रैल तक सुधार के निर्देश
नगर निगम की अमृत योजना के तहत शहर के 32,486 घरों में जल कनेक्शन दिए गए थे, लेकिन एक ही घर में कई-कई कनेक्शन जोड़ दिए गए, जिससे घरों में अनावश्यक रूप से अधिक बिल पहुंच रहे हैं।
महापौर ने जलकल विभाग को निर्देश दिया कि 30 अप्रैल तक सभी जल कनेक्शनों का सर्वे किया जाए और गलत कनेक्शनों को हटाकर बिलों में सुधार किया जाए, जिससे जनता को सही बिल प्राप्त हो।
मच्छरों का आतंक, नगर स्वास्थ्य अधिकारी बैठक से नदारद
शहर में मच्छरों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है, जिससे डेंगू, मलेरिया और अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है। इस पर बैठक में चर्चा की गई, लेकिन नगर स्वास्थ्य अधिकारी बैठक में मौजूद नहीं थे, जिससे कार्यकारिणी के सदस्य नाराज हो गए।
महापौर ने इस गैर-जिम्मेदाराना रवैये को गंभीरता से लेते हुए नगर आयुक्त को आदेश दिया कि नगर स्वास्थ्य अधिकारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाए। इसके अलावा, शहर में फॉगिंग अभियान को और तेज करने के निर्देश दिए गए।
नालों की सफाई को लेकर सवाल, मेयर की नाराजगी
बैठक में शहर के नालों की सफाई का मुद्दा भी उठा। कार्यकारिणी सदस्य हनुमान प्रसाद ने सवाल किया कि शहर में नालों की सफाई ठीक से नहीं हो रही। अधिशासी अभियंता ने सफाई देते हुए कहा कि 20 नालों की सफाई का काम जारी है। इस पर महापौर ने सफाई कार्यों की सूची उपलब्ध कराने के निर्देश दिए ताकि पार्षदों के माध्यम से इसकी जांच कराई जा सके।
इसके अलावा, नगर निगम के नालों की सफाई के लिए जरूरी वाहन अभी तक नहीं खरीदे गए, जिससे महापौर ने नाराजगी जताई और जल्द से जल्द इन वाहनों की खरीद करने के आदेश दिए।
औरंगाबाद का नाम बदलने पर कोई चर्चा नहीं
नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक में काशी के औरंगाबाद समेत अन्य इलाकों के नाम बदलने पर कोई प्रस्ताव पारित नहीं किया गया।
Highlights
हालांकि, कार्यकारिणी सदस्य मदन दुबे ने बताया कि इस मुद्दे पर नगर निगम को कई मांग पत्र मिले हैं, जिनमें औरंगाबाद का नाम बदलकर ‘लक्ष्मी नगर’ या ‘शिवनगर’ करने की मांग की गई है। इस मामले में जिला प्रशासन काशी के इतिहास से जुड़े विशेषज्ञों से तथ्यपरक जानकारी जुटा रहा है, जिसके आधार पर आगे कोई निर्णय लिया जाएगा।