Varanasi Cruise: गंगा की धारा अब सिर्फ श्रद्धा का मार्ग नहीं, बल्कि लग्जरी और पर्यटन का नया केंद्र बनती जा रही है। आधुनिक सुविधाओं और सांस्कृतिक विरासत का अद्भुत संगम लेकर कोलकाता से रवाना हुआ ‘एमवी गंगोत्री क्रूज’ आखिरकार बुधवार को वाराणसी पहुंच गया है। यह क्रूज वेसल अब काशी की लहरों पर पर्यटकों को फाइव स्टार होटल जैसी भव्यता और सुविधा के साथ ऐतिहासिक घाटों की सैर कराएगा।
गंगा पर अब क्रूज पर्यटन का परचम और ऊंचा लहराने वाला यह वेसल एक नया अध्याय रचेगा। गंगा में संचालित क्रूज (Varanasi Cruise) जहाजों की संख्या अब 25 से अधिक हो चुकी है। ‘एमवी गंगोत्री’ की 55 मीटर लंबाई और 12 मीटर चौड़ाई वाले इस त्री-स्तरीय क्रूज में 24 लग्जरी कमरे हैं, जिनमें से हर एक एसी और बड़े खिड़कीदार हैं, ताकि पर्यटक गंगा और घाटों का नयनाभिराम दृश्य बिना किसी व्यवधान के देख सकें।
क्रूज में आधुनिकता की सभी झलकियां मौजूद हैं—जिम, स्पा, बार, रेस्टोरेंट, सनडेक और शानदार लाउंज। यह एक बार में करीब 200 यात्रियों को सफर का अनुभव करा सकता है। खास बात यह है कि इस क्रूज (Varanasi Cruise) के कमरों को पांच सितारा सुविधाओं से सुसज्जित किया गया है। चालक दल को मिलाकर 48 लोगों के लिए यह रहने योग्य है।
Varanasi Cruise: तीर्थ और पर्यटन का दिखेगा संगम
भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) और भारत सरकार के पोत परिवहन मंत्रालय द्वारा संचालित इस परियोजना में वाराणसी (Varanasi Cruise) को विशेष केंद्र के रूप में तैयार किया गया है। अलकनंदा क्रूजलाइन की ओर से संचालित यह क्रूज ‘राष्ट्रीय जलमार्ग-1’ पर तैनात रहेगा और वाराणसी से प्रयागराज के बीच शाही सफर कराएगा। इसे 3 से 6 दिनों के पैकेज के रूप में बुक किया जा सकेगा।
संगठन के निदेशक विकास मालवीय के अनुसार, 30 जुलाई की दोपहर को यह क्रूज वाराणसी में प्रवेश कर चुका है और अब इसके लोकार्पण की तैयारी अंतिम चरण में है। संचालन शुरू होते ही यह वाराणसी में क्रूज पर्यटन को नई रफ्तार देगा।
हर मौसम में संचालन की तैयारी
क्रूज (Varanasi Cruise) की ऊंचाई जल सतह से करीब 12 फीट है और यह 1.4 मीटर की गहराई वाले जल में भी सहजता से चल सकता है। इसके संचालन के लिए पटना से गाजीपुर तक ड्रेजिंग कार्य लगभग पूरा कर लिया गया है, जिससे अब सालभर बड़े जहाजों का संचालन संभव हो सकेगा।
विशेष सुविधाएं और खास अनुभव
इस क्रूज की सबसे बड़ी खासियत इसका दिव्यांगजन और वरिष्ठ नागरिकों के लिए अनुकूल डिज़ाइन है। लिफ्ट की सुविधा से लेकर सुरक्षित चलने की व्यवस्था, सब कुछ वैश्विक मानकों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। छत पर घूमने और सूर्यास्त-स्नान का अनुभव इसे और खास बनाता है।
क्रूज (Varanasi Cruise) से गंगा के निर्झर जल में तैरती गंगा डॉल्फिन और घाटों की प्राचीनता का संगम, यात्रियों को सिर्फ यात्रा ही नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक और नैसर्गिक रोमांच से भी जोड़ता है। डायनिंग हॉल और लाउंज में दिया गया माहौल किसी अंतरराष्ट्रीय क्रूज अनुभव से कम नहीं होगा।
क्रूज की तैनाती से स्पष्ट है कि भारत के नदी परिवहन क्षेत्र ने बीते एक दशक में लंबी छलांग लगाई है। वर्ष 2013-14 में जहां नदी क्रूज की संख्या महज 3 थी, अब 2024-25 में यह संख्या 25 तक पहुंच चुकी है।