NSUI: रायबरेली में दलित युवक की मॉब लिंचिंग की घटना को लेकर पूरे प्रदेश में आक्रोश फैल गया है। इसी क्रम में बुधवार को काशी विद्यापीठ परिसर में NSUI (नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया) के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष ऋषभ पांडेय के नेतृत्व में छात्रों ने अंबेडकर प्रतिमा के समक्ष शांतिपूर्ण प्रदर्शन करते हुए सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
NSUI के ऋषभ पांडेय ने कहा कि योगी सरकार के कार्यकाल में दलितों पर लगातार अत्याचार बढ़े हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि एक तरफ सरकार वाल्मीकि जयंती पर अवकाश घोषित कर दलित सम्मान की बात करती है, वहीं दूसरी ओर दलितों के साथ हो रहे अत्याचारों पर मौन साधे बैठी है। रायबरेली की घटना मानवता को शर्मसार करने वाली है और भाजपा सरकार की संवेदनहीनता को उजागर करती है।
NSUI कार्यकर्ताओं ने काली पट्टी बांधकर जताया विरोध
प्रदर्शन के दौरान NSUI कार्यकर्ताओं ने मुंह पर काली पट्टी बांधी और हाथों में “दलितों पर अत्याचार बंद करो”, “संविधान का अपमान बर्दाश्त नहीं” जैसे स्लोगन लिखे पोस्टर थामे हुए थे। छात्रों ने कहा कि जब तक दलितों को न्याय नहीं मिलेगा, उनका यह शांतिपूर्ण आंदोलन जारी रहेगा।
“राहुल गांधी का नाम लेना बना गुनाह”
जिलाध्यक्ष शशांक शेखर ने कहा कि जिस तरह रायबरेली में दलित युवक को सिर्फ राहुल गांधी का नाम लेने पर पीटा गया और कहा गया कि “यहां योगी वाले रहते हैं”, वह सत्ता की मानसिकता को उजागर करता है। उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र के मूल्यों पर हमला है। भाजपा सरकार न केवल संविधान विरोधी है बल्कि दलितों की आवाज़ दबाने का प्रयास कर रही है।
NSUI ने मांग की कि इस मामले में दोषियों को तुरंत गिरफ्तार कर कठोर सजा दी जाए ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति धर्म, जाति या विचारधारा के आधार पर हिंसा करने की हिम्मत न कर सके।