- मां विंध्यवासिनी देवी के चरण स्पर्श पर रोक
- भीड़ को देखते हुए लिया गया निर्णय
वाराणसी। नव वर्ष के अवसर पर मंदिरों में भारी भीड़ जुटने की संभावना है। ऐसे में श्री काशी विश्वनाथ धाम के दर्शन-पूजन की व्यवस्था में बदलाव किया गया है। काशी विश्वनाथ धाम में नव वर्ष पर गर्भगृह तक कोई भी श्रद्धालु नहीं जा सकेंगे। शनिवार से यह व्यवस्था लागू कर दी गई है। अब श्रद्धालुओं को केवल झांकी दर्शन कराया जाएगा। यह नई व्यवस्था 1 जनवरी तक लागू रहेगी।
इससे पूर्व विंध्यवासिनी धाम में भीड़ को देखते हुए व्यवस्था में बदलाव किए गए थे। विन्ध्याचल मंदिर में श्रद्धालुओं को 2 जनवरी तक चरण स्पर्श नहीं करने दिया जाएगा। दूसरी ओर वाराणसी के श्रीराम जानकी मंदिर में श्रद्धालुओं को बाहर से ही दर्शन करने की अनुमति होगी। बता दें कि प्रति वर्ष 31 दिसंबर को काशी और आसपास के जिलों के प्रसिद्द मंदिरों में दर्शन पूजन को भारी भीड़ होती है।
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श्रद्धालुओं को होगी सुविधा
धाम में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के संभावित भीड़ को देखते हुए अधिकारियों में दर्शन-पूजन व्यवस्था में परिवर्तन करने का निर्णय लिया है। काशी विश्वनाथ मंदिर के कार्यपालक अधिकारी डॉ० सुनील वर्मा ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा हेतु पुख्ता योजना बनाई जा रही है।
विंध्य पंडा समाज के अध्यक्ष पंकज मिश्र ने बताया कि नव वर्ष के मौके पर लगभग 4 लाख लोगों के धाम में आने की संभावना है। कॉरिडोर बन जाने के बाद से यह संख्या औरे भी बढ़ सकती है। ऐसे में भगदड़ और अन्य अनहोनी घटनाओं से बचने के लिए यह निर्णय लिया गया है।