Varanasi: यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री और सुभासपा के मुखिया ओम प्रकाश राजभर ने विपक्षी दलों पर जमकर प्रहार किया। उन्होंने कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और पश्चिम बंगाल की ममता सरकार को आड़े हाथों लेते हुए एक के बाद एक राजनीतिक हमले बोले।
राजभर ने कांग्रेस के ‘नेशनल हेराल्ड’ प्रकरण को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शनों पर व्यंग्य करते हुए कहा कि अब पार्टी के पास जनता को दिखाने के लिए सिर्फ धरना-प्रदर्शन ही बचा है। उन्होंने कहा, “जब ये सत्ता में होते हैं, तो जनता की सुध नहीं लेते और जब सत्ता छिन जाती है, तो सड़कों पर उतर आते हैं।”
Varanasi: राहुल गांधी पर साधा निशाना
ओपी राजभर ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी जमकर हमला बोला। उन्होंने राहुल के विदेश दौरों को लेकर कहा कि वे “विदेशों में ताजा हवा लेने जाते हैं और भारत लौटकर चुनावी मैदान में उतरने का अभिनय करते हैं।” उन्होंने इसे “जनता की संवेदनाओं से कटा हुआ राजनीतिक व्यवहार” करार दिया और कहा कि ऐसे नेताओं को जमीन की हकीकत का अंदाजा नहीं है।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव को ईडी वाले बयान पर दिया करारा जवाब
प्रवर्तन निदेशालय (ED) को खत्म करने की समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की मांग पर राजभर ने कहा कि यह संस्था किसी दल की नहीं, बल्कि संविधान की देन है। उन्होंने कहा, “ईडी न कांग्रेस की बनाई संस्था है और न ही किसी सरकार की मर्जी से चलती है। यह भारतीय संविधान के तहत संचालित एक जांच एजेंसी है, जिसे खत्म करने की बात करना लोकतांत्रिक ढांचे के खिलाफ है।”
‘राणा सांगा‘ विवाद पर दी संयमित प्रतिक्रिया
हाल ही में राजनीतिक गलियारों में छाए ‘राणा सांगा’ विवाद पर भी ओपी राजभर ने अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि “देश के महापुरुष न किसी जाति के होते हैं, न किसी पार्टी के। वे पूरे समाज और राष्ट्र की धरोहर हैं और उनका सम्मान हर किसी को करना चाहिए। राजनीति में इतिहास को तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत करना दुर्भाग्यपूर्ण है।”
बंगाल हिंसा पर ममता सरकार को घेरा, राष्ट्रपति शासन की मांग
मुर्शिदाबाद में हुई सांप्रदायिक हिंसा पर सुभासपा प्रमुख ने पश्चिम बंगाल सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि राज्य में अब कानून-व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। उन्होंने ममता बनर्जी की सरकार पर “प्रशासनिक विफलता” का आरोप लगाते हुए केंद्र से राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की।