Operation Sindoor: भारत ने एक बार फिर आतंक के खिलाफ अपनी ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति को साबित कर दिया है। पहलगाम में हुए बर्बर आतंकी हमले का बदला लेने के लिए भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ (Operation Sindoor) के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में मौजूद नौ आतंकी ठिकानों को सटीक निशाना बनाकर तबाह कर दिया। यह संयुक्त सैन्य अभियान 6 से 7 मई की देर रात 1 बजे से लेकर 1:30 बजे तक बेहद गोपनीयता और रणनीतिक कुशलता के साथ अंजाम दिया गया।

विदेश सचिव विक्रम मिस्री, कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ (Operation Sindoor) के बाद बुधवार को एक अहम प्रेस ब्रीफिंग में इसकी पूरी रूपरेखा और रणनीति को साझा किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत को खुफिया सूत्रों से आतंकियों की घुसपैठ की योजनाओं की पुख्ता जानकारी मिली थी। इसलिए भारत ने समय रहते इन अड्डों को खत्म करने का फैसला किया। स्पष्टता में उन्होंने यह भी बताया कि विश्वनीय सूत्रों के आधार पर हमला किया गया है
तीनों सेनाओं की समन्वित कार्रवाई
ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) को भारतीय थल सेना, वायुसेना और नौसेना ने संयुक्त रूप से अंजाम दिया। यह कार्रवाई एक उच्च स्तरीय समन्वय और सैन्य दक्षता का प्रतीक रही। इस ऑपरेशन में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे खतरनाक आतंकी संगठनों के ट्रेनिंग और लॉन्चपैड कैंप को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया गया।

विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने प्रेस ब्रीफिंग में बताया, “हमारा मकसद पहलगाम हमले में जान गंवाने वाले निर्दोष नागरिकों और उनके परिवारों को न्याय दिलाना था। नौ प्रमुख आतंकी शिविरों को निशाना बनाया गया और वहां कोई भी नागरिक हताहत न हो, इसका विशेष ध्यान रखा गया।”
बारीकी से चुने गए थे लक्ष्य
कर्नल सोफिया कुरैशी ने जानकारी दी कि ऑपरेशन (Operation Sindoor) से पहले प्रत्येक लक्ष्य की पहचान बेहद विश्वसनीय खुफिया जानकारी के आधार पर की गई थी। सटीक हमले के लिए पहले हमला PoK के सवाई नाला क्षेत्र में किया गया, जो आतंकियों का प्रमुख प्रशिक्षण केंद्र था। इसी तरह के अन्य कैंप भी पाकिस्तान में मौजूद थे, जिन्हें रणनीतिक ढंग से निशाना बनाया गया।
पाकिस्तान की चुप्पी बनी खतरा
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि पहलगाम हमले की जिम्मेदारी TRF नामक संगठन ने ली थी, जो लश्कर-ए-तैयबा का ही एक छद्म चेहरा है। यह संगठन पहले से ही संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित है। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान, जो पहले भी ऐसे हमलों के बाद चुप्पी साध लेता है, इस बार भी कोई कार्रवाई नहीं कर रहा था। ऐसे में भारत ने आतंकियों को उनके मंसूबों को अंजाम देने से पहले ही खत्म करने की ठोस नीति अपनाई।
Operation Sindoor: सटीक निशाने, नियंत्रित कार्रवाई
भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के तहत जो रणनीति अपनाई, वह इस बात का उदाहरण है कि आधुनिक सैन्य अभियानों में कैसे तकनीक, खुफिया जानकारी और सटीक आक्रमण का तालमेल महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सेना ने सभी लक्ष्यों को इस तरह से चिह्नित किया कि कोई भी नागरिक या गैर-सैन्य संरचना प्रभावित न हो।

विंग कमांडर सिंह ने बताया कि, “हमने केवल उन ठिकानों को निशाना बनाया जो सीधे तौर पर आतंकी गतिविधियों से जुड़े थे। हमारी कोशिश थी कि क्षेत्रीय जनता को किसी प्रकार का नुकसान न पहुंचे।”
आतंकी नेटवर्क की परतें खुलीं
कर्नल कुरैशी ने बताया कि पिछले तीन दशकों में पाकिस्तान ने एक गुप्त आतंकवादी नेटवर्क तैयार किया है, जिसमें भर्ती केंद्र, ट्रेनिंग फैसिलिटी, लॉन्चपैड्स और पुनश्चर्या पाठ्यक्रम जैसी सुविधाएं शामिल हैं। यह नेटवर्क न सिर्फ पाकिस्तान में फैला है, बल्कि POK के कई हिस्सों में भी इसकी गहरी जड़ें हैं।
प्रेस ब्रीफिंग से पहले भारतीय सेना द्वारा एक वीडियो भी दिखाया गया जिसमें पिछले वर्षों में भारत पर हुए आतंकी हमलों की झलक थी। इससे यह संदेश देने की कोशिश की गई कि भारत अब सिर्फ सहन नहीं करेगा, बल्कि निर्णायक जवाब देगा।
विदेश सचिव ने यह भी बताया कि पहलगाम हमला पर्यटन को नुकसान पहुंचाने की एक सुनियोजित साजिश थी, क्योंकि हाल के महीनों में कश्मीर घाटी में पर्यटन तेजी से बढ़ रहा था। TRF ने इस हमले की जिम्मेदारी लेने के साथ ही पीड़ित परिवारों को धमकाया भी था।
सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर
ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के बाद गृह मंत्रालय ने सभी अर्धसैनिक बलों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं। पूरे देश में सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद कर दिया गया है, विशेषकर जम्मू-कश्मीर में।