Varanasi: रोहनिया क्षेत्र में एक बार फिर पीडब्ल्यूडी का बुलडोजर गरज उठा। लहरतारा-मोहनसराय सिक्स लेन चौड़ीकरण परियोजना को गति देने के लिए विभाग ने बुधवार को कई मकानों को ध्वस्त कर दिया। इनमें हरिशंकर सिंह बाबा, लक्ष्मी शंकर मिश्रा, भवानी शंकर मिश्रा, गौरी शंकर मिश्रा, बिनोद मिश्रा, विजय गुप्ता, राधेश्याम गुप्ता, राजकुमार गुप्ता, शिवकुमार गुप्ता और निजामुद्दीन अली जैसे स्थानीय लोगों के आवास शामिल हैं।


Varanasi: पीड़ितों ने बताई आपबीती
पीड़ितों का कहना रहा कि वे अपनी निजी भूमि पर बसे थे, फिर भी विभाग ने उन्हें उजाड़ दिया। कुछ को मुआवजा मिला, तो कुछ को महज़ निर्माण लागत का भुगतान हुआ। कई पीड़ितों ने मुआवजा लेने से यह कहकर इनकार कर दिया कि उन्हें सर्किल रेट के मुताबिक नहीं, बल्कि उससे 3-4 गुना अधिक मुआवजा मिलना चाहिए था, जैसा कि भूमि अधिग्रहण अधिनियम में प्रावधान है।


स्थानीय निवासी बंटी मोदनवाल ने भावुक होते हुए कहा कि “अब मेरे पास इस ज़मीन के अलावा एक इंच भी जमीन नहीं बची है जहां रह सकूं। सरकार ने मेरी जिंदगी उजाड़ दी।”

इस कार्रवाई के दौरान पीडब्ल्यूडी (Varanasi) के अभियंता के.के. सिंह, मोनू नायक, संजय शर्मा, हेमंत सिंह, पवन त्रिपाठी, सुंदरम राघव, राजकुमार, तथा राजस्व विभाग से उप जिलाधिकारी शांतनु सिनसिनवार, नायब तहसीलदार, कानूनगो, लेखपाल लक्ष्मण गिरी सहित भारी पुलिस बल और पीएसी की मौजूदगी रही। रोहनिया, मंडुवाडीह और चोलापुर थानों की फोर्स भी तैनात की गई थी, जिससे कार्यवाही शांतिपूर्ण ढंग से पूरी की जा सके।

हालांकि सड़क चौड़ीकरण परियोजना Varanasi से आम जनता को भविष्य में फायदा होगा, लेकिन वर्तमान में कई परिवारों को बेरुखी और बेघर होने का गहरा दर्द झेलना पड़ा है। मुआवजे की असमानता और अधिग्रहण प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए लोगों ने न्यायिक कार्रवाई की भी चेतावनी दी है।