PM Modi In Kerala: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को केरल के विझिंजम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह का उद्घाटन करते हुए अपने भाषण में राजनीतिक संकेतों और कटाक्षों की झड़ी लगा दी। आठ हजार आठ सौ करोड़ रुपये की लागत से बने इस पोर्ट के उद्घाटन मंच को उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधने और विकास का नया विजन पेश करने के अवसर के रूप में इस्तेमाल किया।
कई लोगों की नींद हराम हो जाएगी
कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने मंच (PM Modi In Kerala) पर मौजूद केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और कांग्रेस सांसद शशि थरूर की ओर इशारा करते हुए चुटकी ली। उन्होंने कहा, “आज का यह इवेंट कई लोगों की नींद उड़ा देगा। और जहां संदेश भेजना था, वह पहुंच चुका है।” यह बयान राजनीतिक हलकों में तीखी चर्चा का विषय बन गया है, जिसे विपक्ष पर निशाना समझा जा रहा है, खासकर ‘इंडिया’ गठबंधन के संदर्भ में।
आदि शंकराचार्य को किया नमन
अपने संबोधन की शुरुआत पीएम मोदी (PM Modi In Kerala) ने आदि शंकराचार्य की जयंती को याद करते हुए की। उन्होंने बताया कि तीन साल पहले उन्हें आदि शंकराचार्य के जन्मस्थल पर जाने का सौभाग्य मिला था। उन्होंने कहा, “आदि शंकराचार्य जी ने केरल से निकलकर देशभर में मठों की स्थापना कर भारत की चेतना को जागृत किया। मैं उन्हें श्रद्धा से नमन करता हूं।”
अडाणी पर अप्रत्यक्ष कटाक्ष के साथ तारीफ़ – PM Modi In Kerala
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में उद्योगपति गौतम अडाणी का ज़िक्र करते हुए पोर्ट की गुणवत्ता की तारीफ़ की और कहा, “अडाणी ने जितना शानदार पोर्ट यहां (केरल में) बनाया है, उतना गुजरात में भी नहीं बना था।” इस टिप्पणी को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर अप्रत्यक्ष तंज के तौर पर भी देखा जा रहा है, जो अक्सर अडाणी समूह को लेकर सरकार पर निशाना साधते रहे हैं।
8800 करोड़ की लागत से बना अत्याधुनिक पोर्ट
विझिंजम पोर्ट को भारत का अगला बड़ा ट्रांसशिपमेंट हब बताया जा रहा है। यह पोर्ट विशेष रूप से बड़े कार्गो जहाजों के लिए डिज़ाइन किया गया है और इसकी रणनीतिक स्थिति से भारत की समुद्री क्षमता को नया आयाम मिलने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi In Kerala) ने कहा: “भारत की 75% ट्रांसशिपमेंट गतिविधियाँ अब तक विदेशी बंदरगाहों पर निर्भर थीं। विझिंजम पोर्ट के शुरू होने से देश को अब विदेशी बंदरगाहों पर होने वाले राजस्व नुकसान से मुक्ति मिलेगी। यह बंदरगाह केरल को वैश्विक व्यापार के नक्शे पर मज़बूती से स्थापित करेगा और स्थानीय लोगों के लिए नए रोज़गार और व्यापार के अवसर लेकर आएगा।”
प्रधानमंत्री के इस दौरे और भाषण को राजनीतिक रणनीति और विकास का मेल माना जा रहा है। एक ओर उन्होंने दक्षिण भारत में भाजपा की मौजूदगी को मज़बूत करने की कोशिश की, वहीं दूसरी ओर संदेश दिया कि केंद्र सरकार विकास के हर कोने तक पहुंचाना चाहती है — चाहे वहां किसी भी दल की सरकार हो।