Priya Saroj: समाजवादी पार्टी की सांसद प्रिया सरोज ने मंगलवार को लोकसभा में शून्यकाल के दौरान किसानों की समस्याओं को प्रमुखता से उठाते हुए काशी द्वार योजना को रद्द करने की मांग की। उन्होंने बताया कि मछलीशहर संसदीय क्षेत्र के पिंडरा ग्रामसभा और आसपास के दस गांवों में इस टाउनशिप को विकसित करने की योजना थी, जिसके तहत उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद द्वारा लगभग 900 एकड़ भूमि अधिग्रहण करने की प्रक्रिया शुरू की गई थी।
हालांकि, स्थानीय किसानों ने इस निर्णय का विरोध किया और लगातार धरना-प्रदर्शन कर अपनी आवाज़ बुलंद की। किसानों के विरोध को देखते हुए प्रशासन ने फिलहाल इस योजना को स्थगित करने का आश्वासन दिया था, लेकिन इसके बावजूद किसानों की जमीन पर लगे प्रतिबंध अब भी बरकरार हैं।
किसानों की जमीन पर लगा प्रतिबंध बना परेशानी का सबब- Priya Saroj
वर्तमान में किसानों की जमीन के क्रय-विक्रय और निर्माण कार्य पर रोक लगी हुई है, जिससे वे न तो अपनी जमीन बेच सकते हैं और न ही उस पर कोई निर्माण (Priya Saroj) कर सकते हैं। किसानों की आय और आवश्यक खर्चे उनकी जमीन पर ही निर्भर होते हैं। वे ज़रूरत पड़ने पर अपनी भूमि का छोटा टुकड़ा बेचकर बेटियों की शादी, मकान निर्माण और अन्य खर्चों की पूर्ति करते हैं। लेकिन बीते दो वर्षों से इस पाबंदी के कारण किसान भारी आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं।
सांसद प्रिया सरोज (Priya Saroj) ने सरकार से मांग की कि काशी द्वार योजना को पूरी तरह से निरस्त किया जाए या फिर इसे किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित किया जाए। उन्होंने यह भी आग्रह किया कि किसानों की भूमि की रजिस्ट्री और निर्माण कार्य पर लगी रोक को तत्काल हटाया जाए, ताकि वे अपनी जमीन पर स्वतंत्र रूप से अधिकार प्राप्त कर सकें और अपने आजीविका के साधन बहाल कर सकें।
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