Protest Against Water Taxi: काशी में विकास की नई गाथाएं लिखी जा रही हैं। इन्हीं विकास की कड़ियों में एक कड़ी वाटर टैक्सी का भी है। जिला प्रशासन नमो घाट से अस्सी घाट के बीच वाटर टैक्सी शुरू करने जा रहा है। जिसके विरोध में गुरुवार को नाविक हड़ताल पर बैठ गए। जिससे घंटों गंगा में नौका संचालन प्रभावित रहा। एक ओर जहां शुक्रवार को वाराणसी में प्रधानमंत्री का दौरा है।
वहीं दूसरी ओर नाविक धरने (Protest Against Water Taxi) पर बैठ गये। जिससे प्रशासन में हड़कंप मच गया। इस दौरान एसीपी दशाश्वमेध अवधेश पाण्डेय ने शहर में वीआईपी आगमन को देखते हुए समझदारी से काम लिया और नाविकों को आश्वासन देकर उनका प्रदर्शन दो दिनों के लिए समाप्त कराया। नाविकों ने एसीपी को अपना ज्ञापन सौंपते हुए धरना समाप्त किया।

Protest Against Water Taxi: वाटर टैक्सी के लिए चार रूट निर्धारित
बता दें कि वाटर टैक्सी के संचालन के लिए गुजरात के भावनगर से 10 वाटर टैक्सी मंगाई गई है। जिसका संचालन गंगा में किया जाएगा। वाराणसी नगर निगम ने अस्सी से नमो घाट, हरिश्चंद्र घाट से मणिकर्णिका घाट और काशी विश्वनाथ कॉरिडोर से अस्सी घाट और नमो घाट तक चार रूट तय किए गए हैं। सावन के बाद भी इन वाटर टैक्सी का संचालन नियमित रूप से इन रूटों पर किया जाएगा।
जलमार्ग प्राधिकरण ने भावनगर से मंगाई गई 10 वाटर टैक्सी वाराणसी जिला प्रशासन को दी थी। इसमें वाटर एंबुलेंस और शव वाहिनी के रूप में जलयानों को आरक्षित किया गया है। वाटर टैक्सी चलाने के लिए प्रशासन ने चार रूटों का किराया भी निर्धारित किया है। गंगा में चलने वाले इस वाटर टैक्सी के एक फेरे में 86 यात्री सफर करेंगे। एक दिन में ये वाटर टैक्सी गंगा में 10 चक्कर लगाएगी।