कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल (Rahul Gandhi Loksabha Membership Restored) हो गई है। इसकी अधिसूचना भी जारी हो गई है। राहुल प्रधानमंत्री को आज सोमवार की सुबह लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने लोकसभा सदस्यता बहाल की है। पीएम नरेंद्र मोदी के उपनाम को लेकर की गयी टिप्पणियों के बाद कांग्रेस नेता राहुल गाँधी को मानहानि मामले में दो साल की जेल की सजा दी गयी थी जिसके बाद मई में राहुल गांधी को अयोग्य घोषित कर दिया गया था। आज पूरे 137 दिन के बाद लोकसभा सदस्यता बहाल मिलने के बाद वह संसद भवन पहुचें।
लोकसभा स्पीकर के इस घोषणा (Rahul Gandhi Loksabha Membership Restored) के बाद से कांग्रेसजनों में ख़ुशी की लहर दौड़ गयी। माहौल कुछ ऐसा हो गया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल (Rahul Gandhi Loksabha Membership Restored) होने के बाद I.N.D.I.A गठबंधन के नेताओं ने जमकर जश्न मनाया। एक दुसरे को मिठाई खिलाई।
वहीं इस घोषणा के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भी जानकर जश्न मनाया और अधिसूचना जारी करते ही दिल्ली में 10 जनपथ के बाहर कांग्रेस समर्थकों ने ढोल बजाकर और डांस करके जश्न मनाया।
Rahul Gandhi Loksabha Membership Restored : नेताओं ने करके दी बधाई
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, स्पीकर ने आज फैसला लिया। हमने कानूनी प्रक्रिया का पालन किया और सुप्रीम कोर्ट का आदेश मिलने के तुरंत बाद हमने इसे बहाल कर दिया।
कांग्रेस सांसद पी चिदंबरम ने कहा, हम खुश हैं कि स्पीकर ने आज ही राहुल की सासंदी बहाली का फैसला लिया। राहुल अब लोकसभा में बैठ सकेंगे।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, जहां तक कांग्रेस नेताओं और राहुल गांधी का सवाल है तो मैं उन्हें सदस्यता बहाल होने पर बधाई देना चाहता हूं। मैं सुप्रीम कोर्ट को भी बधाई देता हूं। इस फैसले के बाद लोकतंत्र और न्यायालय पर विश्वास बढ़ा है।
Rahul Gandhi Loksabha Membership Restored : यह है पूरा मामला
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को ‘मोदी सरनेम’ टिप्पणी पर आपराधिक मानहानि मामले में सुप्रीम कोर्ट (Rahul Gandhi Loksabha Membership Restored) से फौरी राहत मिल गई है।

शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने दोषसिद्धि पर रोक लगाते हुए कहा था कि ट्रायल जज द्वारा अधिकतम सजा देने का कोई कारण नहीं बताया गया है। अंतिम फैसला आने तक दोषसिद्धि के आदेश पर रोक लगाने की जरूरत है। न्यायाधीशों ने कहा था कि अयोग्यता का प्रभाव न केवल व्यक्ति के अधिकारों को बल्कि मतदाताओं को भी प्रभावित करता है।
माफी मांगने से लगातार इनकार करने वाले राहुल गांधी ने राहत के बाद ट्वीट किया था कि चाहे कुछ भी हो, मेरा कर्तव्य वही रहेगा। भारत के विचार की रक्षा। गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली राहुल की याचिका पर सुनवाई कर रही थी और फिर उन्होंने मानहानि मामले में कांग्रेस नेता की दोषसिद्धि पर रोक लगाने की याचिका खारिज कर दी।