Rakshabandhan 2023: भाई-बहन के अटूट संबंधों का पर्व रक्षाबंधन (Rakshabandhan) बुधवार की रात्रि से लेकर गुरुवार को सुबह तक मनाया गया। सौभाग्य और धन-धान्य की कामना से बहनों ने भाइयों की कलाई पर प्रेम का रक्षासूत्र बांधकर रक्षाबंधन का त्योहार मनाया। पूर्णिमा तिथि 31 अगस्त की सुबह तक होने से गुरुवार को सुबह तक रक्षाबंधन मनाने का सिलसिला चलता रहा। पूर्णिमा की तिथि सुबह 7.45 बजे तक थी। इसके पहले ही रक्षाबंधन की तैयारियां शुरू हो गई थी। घरों में कहीं ढेरों शुभकामनाएं तो कहीं आशीर्वाद बरसा। गुरुवार को अलसुबह मिठाइयों की दुकानों पर भारी भीड़ लगी रही।
सही मुहुर्त का समय कहीं छूट न जाये इसलिए हर किसी को जल्दी थी। महिलाएं भी सजधज कर मायके जाकर राखी बांधने के लिए सुबह ही निकली थी। जबकि भाइयों ने भी बहनों के घरों पहुंच कर राखी बंधवायी। इसके बाद उपहारों का सिलसिला शुरू हुआ। हर भाई ने अपने सामर्थ्य के मुताबिक बहनों को उपहार व नगद द्रव्य भेंट किया।

श्रावण नक्षत्र युक्त श्रावण शुक्ल पूर्णिमा की तिथि पर बुधवार को भी रात्रि में 8:58 बजे के बाद भाइयों की कलाइयां बहनों के प्रेम (Rakshabandhan) से सज गईं। भद्रा के कारण बहनों को सुबह से लंबा इंतजार करना पड़ा। शुभ मुहूर्त आरंभ होने के साथ ही रक्षाबंधन का त्योहार भी शुरू हो गया जो देर रात तक अनवरत जारी रहा। बहनों ने पहले अपने आराध्य को रक्षासूत्र अर्पित किया।
इसके बाद घरों में रक्षाबंधन (Rakshabandhan) का त्योहार शुरू हुआ। शहर के मंदिरों में राखी चढ़ाने के लिए भी श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। बहनों ने राखी का थाल सजाए। रंग-बिरंगी राखियों से सजी थाली में अक्षत-चंदन, हल्दी-रोरी, दही, मिठाई और दीप जलाया। बहनों ने भाइयों के माथे पर तिलक लगाकर आरती उतारी और हाथों में राखी बांधकर मुंह मीठा कराया। भाइयों ने भी बहनों को उपहार देकर उनकी रक्षा का वचन भी दोहराया।
ग्रामीण इलाकों में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया रक्षाबंधन (Rakshabandhan) का पर्व
ग्रामीण क्षेत्रों में गुरुवार को बहन-भाई के प्यार का पर्व रक्षा बंधन धूमधाम से मनाया गया। बहनों ने अपने भाई के कलाई पर राखी बांध कर भाई के लंबी आयु की ईश्वर से कामना की तो वही भाईयों ने भी अपने बहनों की आजीवन रक्षा का संकल्प का वचन दिया। पर्व को लेकर ग्रामीण क्षेत्र में सुबह से ही लोग लोगों की चहलकदमी तेज दिखी। खासकर छोटे बच्चों में गजब का उत्साह देखा गया।
बाजार में भी लोगों की मिठाई की दुकानों पर भीड़ देखने को मिली। लेकिन बदलते परिवेश के साथ इस त्योहार के रंग भी बदल रहे है। हल्दी, रोली, कुमकम, चंदन और गुजिया की महक वही है, पर इसे लेने और देने का तरीका नए हो रहे है। क्षेत्र के रामेश्वर, बरेमा, पेडुका, जगापट्टी, खेवली, हरिहरपुर, भाऊपुर, खेवली भतसार कपर फोरवा सहित अन्य क्षेत्रों में भी रक्षा बंधन की धूम देखी गयी ।

मिर्जामुराद संवाददाता के अनुसार मिर्जामुराद में रक्षाबंधन (Rakshabandhan) का पर्व हर्षोल्लास पूर्वक परम्परागत ढंग से मनाया गया। मिशन शक्ति अ•िायान के तहत विश्व बाल दिवस पर एक दिन के लिए मिर्जामुराद थाना की थानाप्रभारी बनी एनसीसी की अंडर आफिसर व बीएचयू से पीजी कर चुकी छात्रा मिर्जामुराद निवासिनी जान्हवी सिंह (मिनी) ने दिल्ली विश्वविद्यालय (दिल्ली) में यूजी की पढ़ाई करने वाले अपने छोटे भाई आर्यन प्रताप सिंह (प्रिंस) को राखी बांधी।
बहन से राखी बंधवाने (Rakshabandhan) के लिए प्रिंस जीवन में पहली बार वन्देभारत एक्सप्रेस से दिल्ली से बनारस तक की अकेले यात्रा कर घर आया। इसके साथ ही दूर-दराज रहने वाली बहनों ने भाईयों के लिए कोरियर से राखी व मिठाई भेज वीडियो कालिंग कर भाई का आशीर्वाद ली। कछवांरोड, पूरे, छतेरी, रुपापुर, लालपुर, मिजार्मुराद, करधना, बेनीपुर, खजुरी, रखौना, मेंहदीगंज, राजातालाब समेत प्रमुख बाजारों में राखी व मिठाई की आकर्षक दुकाने सजी रही। दुकानों पर खरीददारों की भीड़ उमड़ी। दो दिन का पर्व हो जाने के कारण हाइवे पर दो पहिया व चार पहिया से आने-जाने वालों की काफी भीड़ रही। यात्री बसों में सफर करने वालो में महिलाओं की संख्या अधिक रही।

पिंडरा संवाददाता के अनुसार बहनों को रक्षा करने का संकल्प और भाइयों के समृद्धि के प्रतीक के रूप में मनाए जाने वाला पर्व (Rakshabandhan) ग्रामीण क्षेत्रों में दो दिन मनाया गया। ज्यादातर लोगों ने गुरुवार को रक्षाबंधन का पर्व मनाया । ग्रामीण क्षेत्रों में गुरुवार को ही अलसुबह से ही रक्षाबंधन बाँधने का पर्व दोपहर तक चला। वही कुछ लोगों ने बुधवार को ही रक्षाबंधन का पर्व मनाया। बहनों के रक्षा और भाइयों के लम्बी उम्र की कामना के लिए मनाए जाने वाले पर्व को लेकर युवाओं में ज्यादा उत्साह दिखा। रक्षाबंधन के पर्व पर पिंडरा, फूलपुर, सिंधोरा, कठिराँव, बाबतपुर, मंगारी व कुआर बाजार में मिठाई व राखी के दुकानों पर भीड़ दिखी।
