वाराणसी। रिश्तों के बंधन (Rakshabandhan Special) में बंधने से कोई धर्म कभी आड़े नहीं आता। कच्चे धागों का बंधन धर्म से परे है। इस बात की गवाही देता है काशी में मुस्लिम बहनों का उनके हिन्दू भाईयों और हिन्दू बहनों का उनके मुस्लिम भाईयों के लिए प्रेम। जी हाँ, नफरत की दीवार को भाई बहनों के रिश्ते ने आखिर गिरा ही दिया। विशाल भारत संस्थान एवं मुस्लिम महिला फाउण्डेशन के संयुक्त तत्वावधान में सुभाष भवन, लमही में आयोजित रक्षाबन्धन महोत्सव (Rakshabandhan Special) में अद्भुत नजारा देखने को मिला।

मुस्लिम बहनों ने तिलक और आरती कर विशाल भारत संस्थान के अध्यक्ष डॉ० राजीव श्रीगुरुजी को राखी बांधी। मुस्लिम बहनों का मानना है कि जब उनको कभी जरूरत पड़ी तो गुरुजी ने उनकी रक्षा की, तीन तलाक और हलाला के खिलाफ लड़ाई में साथ दिया।

उधर हिन्दू–बहनों ने मुस्लिम धर्मगुरु अफसर बाबा को तिलक कर आरती उतारी और राखी (Rakshabandhan Special) बांधी। रिश्तों में बंधे भाई–बहन और दुनियां को संदेश मिला कि रिश्ते धर्म से परे है। सद्भावना, भाईचारा और शांति का संदेश देने वाला यह नजारा हर भारतीयों के दिल को सुकून पहुंचाने वाला है।
उन सभी का कहना रहा कि रक्षाबन्धन (Rakshabandhan Special) का त्योहार केवल रिश्तों को मजबूत बनाने वाला है। महिलाओं को सुरक्षा देने वाला है और बहनों के स्वाभिमान और सम्मान को बढ़ाने वाला है। जिस देश में राखी का त्योहार नहीं है वहां महिलाओं को गुलामों की दृष्टि से देखा जाता है। अब महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के लिए इस त्योहार को अपनाने की जरूरत है।

Rakshabandhan Special : नफरत को सम्बन्ध द्वारा ही खत्म किया जा सकता है
इस अवसर पर विशाल भारत संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ० राजीव श्रीगुरुजी ने कहा कि हम सम्बन्धों में जीने वाले है। भगवान राम की सम्बन्ध संस्कृति ही इंसानियत का पैगाम देती है। धर्म और जातियों के नफरत को सम्बन्ध द्वारा ही खत्म किया जा सकता है। हिन्दू–मुस्लिम बहनों का यह प्रयास भारत के एकता की खूबसूरत तस्वीर है।