Ram Mandir Dhwajarohan: देश के हर एक सनातनी के लिए आज एक ऐसा अवसर रहा, जिसने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया. अयोध्या में विवाह पंचमी के पावन अवसर पर एक और ऐतिहासिक क्षण दर्ज किया गया। वह भगवान श्री राम के मंदिर के शिखा पर ध्वजारोहण रहा. यह भव्य धर्मध्वज श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य शिखर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच फहराया। अभिजीत मुहूर्त में सम्पन्न यह ध्वजारोहण अनुष्ठान पूरी रामनगरी को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर गया। केसरिया ध्वज के लहराते ही पूरा परिसर ‘जय श्री राम’ के गगनभेदी नारों से गुंजायमान हो उठा।
इस अवसर पर प्रभु श्री राम की नगरी अयोध्या (Ram Mandir Dhwajarohan) दीपों, पुष्पों और रंगोलियों से झिलमिला उठी। मंदिर परिसर से लेकर सरयू तट तक का हर कोना उत्सव के रंग में रंगा नजर आया। ध्वजारोहण से पहले वैदिक अनुष्ठानों और पूजन-अर्चन का विस्तृत क्रम सम्पन्न हुआ। यज्ञकुंडों से उठती आहुतियों की सुगंध और नगाड़ों की गूँज ने समारोह की पवित्रता को और प्रखर बना दिया।
7000 अतिथियों की मौजूदगी में Ram Mandir Dhwajarohan
करीब 4–5 मिनट चले इस अनुष्ठान में प्रधानमंत्री मोदी ने डिजिटली तरीके से प्रमाण के बटन दबाकर 10 फीट ऊंचे और 20 फीट लंबे त्रिकोणीय भगवा ध्वज को शिखर (Ram Mandir Dhwajarohan) पर लहराया। ध्वज पर अंकित सूर्य, ‘ॐ’ और कोविदार वृक्ष की छवि रामराज्य की कीर्ति, तेजस्विता और स्वाभिमान का प्रतीक है। समारोह में लगभग सात हजार अतिथि शामिल हुए, जिनमें RSS प्रमुख मोहन भागवत, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, समाज के वंचित वर्ग व विभिन्न समुदायों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।
रामलला के दरबार में पीएम ने किया दर्शन–पूजन
ध्वजारोहण से पूर्व प्रधानमंत्री मोदी ने सरसंघचालक मोहन भागवत के साथ रामलला के दरबार में दर्शन किए। इस दौरान पीएम का अयोध्यावासियों ने अभूतपूर्व स्वागत किया। रोड शो के दौरान जनसैलाब ने पुष्पवर्षा कर ‘जय श्री राम’ और ‘जय जय हनुमान’ के नारों से वातावरण गुंजा दिया।
धर्मध्वज के प्रतीकवाद पर बोले पीएम मोदी
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि “आज संपूर्ण भारत और विश्व राममय है। सदियों की वेदना का अंत और सदियों के संकल्प की सिद्धि का दिन है। धर्मध्वज का भगवा रंग, सूर्य का चिह्न और कोविदार वृक्ष रामराज्य की मर्यादा व धैर्य के प्रतीक हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि “1835 में मैकाले ने भारत में मानसिक गुलामी की नींव रखी थी। आने वाले 10 वर्षों में हम इस मानसिकता से मुक्ति दिलाने का संकल्प निभाएंगे। राम को काल्पनिक बताने वाली यही मानसिकता है। भारत के कण-कण में भगवान राम हैं और आगे के हजार वर्षों की नींव इसी आज़ादी में छिपी है।”
सोने से मढ़ा गया राम मंदिर का 161 फीट ऊंचा नाभि दंड
श्रीराम मंदिर के शिखर (Ram Mandir Dhwajarohan) पर स्थापित 161 फीट लंबे दंड पर 21 किलोग्राम सोना चढ़ाया गया है। मुंबई के कारीगरों द्वारा तैयार यह स्वर्ण मंडित आवरण मंदिर की भव्यता को एक नई ऊंचाई देता है। भूमिपूजन की वही पावन भूमि—जो सतह से 50 फीट नीचे थी—आज 211 फीट ऊंचे नाभि दंड का आधार बनी हुई है।

