Rathyatra Mela: भगवान और भक्त के भावपूर्ण रिश्ते की आत्मीयता आज शनिवार को ज्येष्ठ पूर्णिमा पर साक्षात देखने को मिली। अस्सी घाट स्थित भगवान जगन्नाथ के मंदिर में भगवान जगन्नाथ उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा को जेठ मास की गर्मी से राहत दिलाने के लिए गंगाजल से अभिषेक कराया गया। इस जलाभिषेक के बाद नाथो के नाथ जगन्नाथ बीमार हो जायेगा। इसके बाद उन्हें काढ़ा व परवल का रस दिया जायेगा और फिर वह ठीक होकर शहर के भ्रमण के लिए निकलेंगे और अपने भक्तों को दर्शन देंगे। सदियों पुरानी इस परंपरा को ‘रथयात्रा मेला’ कहा जाता है।

Rathyatra Mela: 15 दिनों के विश्राम पर जाएंगे भगवान
काशी के लक्खा मेले में शुमार रथयात्रा मेले (Rathyatra Mela) की शुरुआत भगवान जगन्नाथ, भइया बलभद्र और बहन सुभद्रा के गंगा स्नान से हुई। गर्मी की तपिश से राहत दिलाने के लिए सुबह से शाम तक भक्तों के स्नान के कारण भगवान की तबीयत बिगड़ जाएगी और रथयात्रा के परंपरागत लोकाचारों के अनुपालन में वह 15 दिनों के विश्राम पर जाएंगे।

शनिवार को सूर्योदय के साथ तीनों विग्रहों का सविधि पूजन-अर्चन किया गया। आरती के बाद पंच पल्लव मिश्रित गंगा जल के 108 मटकों से स्नान किया गया। इसके बाद भक्त प्रभु को स्नान कराएंगे और स्नान करते-करते रात तक प्रभु बीमार हो जाएंगे। इसके बाद प्रभु जगन्नाथ, सुभद्रा और बलभद्र को मंदिर के गर्भगृह की छत पर उत्तर पूर्व स्थित स्नान वेदी पर 15 दिन तक विराजमान कराया जाएगा। पांच जुलाई तक मंदिर के कपाट बंद रहेंगे। इसके बाद छह जुलाई को भगवान के विग्रहों को डोली में विराजमान कर यात्रा निकाली जाएगी। 7 जुलाई को रथयात्रा मेले (Rathyatra Mela) के आयोजन में तीन दिन तक प्रभु अपने भक्तों को दर्शन देंगे।
Comments 1