वाराणसी: संत रविदास की जयंती (Ravidas Jayanti) को लेकर काशी में तैयारियां जोरों पर हैं। 12 फरवरी को होने वाले जन्मोत्सव के लिए मंदिर प्रबंधन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी और राहुल गांधी सहित बसपा सुप्रीमो मायावती, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी आमंत्रण भेजा है।
हर साल संत रविदास जयंती के मौके पर वाराणसी का यह पवित्र स्थल श्रद्धालुओं से भर जाता है, जिसे ‘मिनी पंजाब’ भी कहा जाता है। लाखों श्रद्धालु, जिनमें हजारों विदेशों से आते हैं, इस अवसर पर मंदिर में दर्शन करने और लंगर का प्रसाद ग्रहण करने पहुंचते हैं।

Ravidas Jayanti: महाकुंभ को ध्यान में रखकर बढ़ाई गई व्यवस्थाएं
श्रीगुरु रविदास जन्म स्थान पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट के ट्रस्टी केएल सरोवा ने बताया कि इस बार महाकुंभ के कारण आयोजन स्थल के पंडाल का क्षेत्रफल दोगुना बढ़ा दिया गया है। श्रद्धालुओं के लिए खाने और ठहरने की व्यापक व्यवस्था की गई है।
राजनेताओं को भेजा गया निमंत्रण, अब तक नहीं मिला कोई जवाब
मंदिर प्रबंधन हर साल प्रमुख नेताओं को आमंत्रण भेजता है। इस वर्ष भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, कांग्रेस नेताओं प्रियंका गांधी और राहुल गांधी, बसपा सुप्रीमो मायावती, सपा प्रमुख अखिलेश यादव और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आमंत्रण भेजा गया है। हालांकि, अभी तक किसी के आने की पुष्टि नहीं हुई है।

देश-विदेश से जुटेंगे अनुयायी
अमेरिका, लंदन, ऑस्ट्रेलिया, दुबई, कनाडा, फ्रांस, थाईलैंड जैसे देशों के अलावा पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश से भी श्रद्धालु इस पावन आयोजन में शामिल होंगे।
बेगमपुरा एक्सप्रेस से आएंगे संत निरंजन दास
केएल सरोवा ने बताया कि 10 फरवरी को श्रीगुरु रविदास जन्म स्थान पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट के चेयरमैन संत निरंजन दास दो हजार से अधिक अनुयायियों के साथ वाराणसी पहुंचेंगे।
Highlights
संत रविदास: समाज सुधारक और महान संत
संत रविदास 15वीं शताब्दी के एक महान संत, कवि और समाज सुधारक थे। उनका जन्म वाराणसी के एक दलित परिवार में हुआ था। उनके विचारों ने समाज को नई दिशा दी और उनके अनुयायी आज भी भारत के कई राज्यों में मौजूद हैं। उनकी प्रसिद्ध उक्ति “मन चंगा तो कठौती में गंगा” उनके आध्यात्मिक संदेश को स्पष्ट रूप से दर्शाती है।