Robbery Case: भेलूपुर डकैती काण्ड वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस के लिए एक ऐसी उलझी हुई गुत्थी बनता जा रहा है, जिसे सुलझाने में पुलिस नाकामयाब साबित हो रही है। घटना के 25 दिन बीत जाने के बाद भी आरोपी अजीत मिश्र उर्फ़ गुरु जी पुलिस की पकड़ से बाहर है।
दूसरी ओर, पुलिस अभी तक डकैती (Robbery Case) के उन 47 लाख रुपयों को भी बरामद नहीं कर पाई है, जो कि लूट के समय से ही गायब हैं। पुलिस ने इस मामले में अब तक 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। वहीं कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने वैन के मालिक सच्चिदानंद राय उर्फ़ मंटू को शुक्रवार को सात घंटे की पुलिस रिमांड पर लिया था। कयास लगाए जा रहे थे कि पुलिस रिमांड में मंटू घटना से जुड़ा कुछ तथ्य बता सकता है।
सूत्रों के अनुसार, आरोपी अपने पुराने बयान पर ही कायम रहा। उसके बयान में कोई भी नई कड़ी नहीं जुड़ पाई। जिसके बाद वाराणसी पुलिस के लिए अब यह केस अब अनसुलझी गुत्थी बन गया है। पुलिस के लिए अभी तक लूट (Robbery Case) के शेष 47 लाख रुपए जब्त करना एक बड़ी चुनौती बन गया है।

वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस को अब तक इस मामले में नाकामयाबी ही हाथ लगी है। जबकि इस मामले में पुलिस ने पहले ही सात पुलिसकर्मियों की अपराधिक संलिप्तता पाते हुए उन्हें बर्खास्त किया था। कयास लगाए जा रहे थे कि बर्खास्त पुलिसकर्मियों को हिरासत में लेकर घटना संबंधी पूछताछ की जा सकती है।
Robbery Case: ये है मामला
बता दें कि, भेलुपुर थाना अंतर्गत बैजनत्था क्षेत्र में 29 मई की रात गुजरात की एक फर्म से एक करोड़ 40 लाख रुपए की डकैती हुई थी। जिसके दो दिन बाद पुलिस को कथित तौर पर एक लावारिस कार से 92.94 लाख रुपए मिले थे। जांच में यह पैसा हवाला कारोबार से जुड़ा पाया गया। इस मामले में अपराधिक संलिप्तता पाने पर तत्कालीन इंस्पेक्टर समेत 7 पुलिसकर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया था। पुलिस ने अब तक इस मामले में 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। लेकिन मुख्य आरोपी अजीत मिश्रा उर्फ़ गुरु जी अभी भी फरार चल रहा है।