Saawan Third Monday: तेज धूप व बादलों की लुकाछिपी के बीच सावन के तीसरे सोमवार (Saawan Third Monday) पर शिवभक्तों ने बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक किया। कभी बादल सूर्य को ढक रहा था तो कभी तेज धूप निकल जा रही थी। जब सूर्य को बादल ढक दे रहे थे तब शिवभक्तों व कांवरियों की ओर से हर-हर-महादेव का उद्घोष किया जा रहा था। तेज धूप के चलते श्रद्धालु सुबह से ही परेशान थे। इसमें सूर्य की तपिश से भक्तों को बचाने के लिए बादलों ने छांव करने की कोशिश की।

बादलों व सूर्य की लुकाछिपी के बीच सावन का तीसरा सोमवार मनाया गया। सावन के तीसरे सोमवार (Saawan Third Monday) पर रात्रि तक लाखों श्रद्धालुओं ने बाबा विश्वनाथ का दर्शन-पूजन कर जलाभिषेक किया। अपराह्न तक साढ़े तीन लाख से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन पूजन कर चुके थे।

काशी विश्वनाथ मंदिर के ज्ञानवापी गेट नं. 4 पर रविवार की अर्धरात्रि से ही हजारों कांवरियों व शिवभक्तों की कतारें (Saawan Third Monday) गोदौलिया तक लग गई थी। उधर, गेट नं. 4 ज्ञानवापी से चौक, नीचीबाग, बुलानाला तक लाइन लगी रही। मंगला आरती के पश्चात भोर में जैसे ही बाबा विश्वनाथ का पट खुला भक्तोंं ने हर-हर-महादेव के भारी उद्घोष के साथ दर्शन-पूजन शुरू कर दिया। सावन के तीसरे सोमवार पर बाबा विश्वनाथ की नगरी बम-बम रही। हर-हर महादेव और बोल बम के गगनभेदी नारों के साथ नंगे पैर सड़कों पर कांवरियों का सैलाब उमड़ा रहा। बाबा के जलाभिषेक के लिए भक्तों की अटूट कतार लगी रही।

तेज धूप के बीच भी बाबा के जलाभिषेक के लिए भक्तों की अटूट कतार लगी रही। सुबह 9 बजे तक दो लाख से ज्यादा भक्तों ने बाबा दरबार में हाजिरी (Saawan Third Monday) लगाई। रविवार को शयन आरती तक चार लाख भक्तों ने बाबा विश्वनाथ का दर्शन पूजन किया था। सावन के तीसरे सोमवार पर रात से ही बाबा का जलाभिषेक करने के लिए शिवभक्तों की कतार लगनी शुरू हो गई थी। एक तरफ कतार चितरंजन पार्क तो दूसरी ओर गोदौलिया चौक और गेट नंबर चार से चौक के आगे तक शिवभक्त कतारबद्ध थे। भोर में मंगला आरती के बाद गर्भगृह के पट झांकी दर्शन के लिए खुले तो कतार में खड़े श्रद्धालुओं ने हर-हर महादेव के जयकारे लगाये।

मंदिर में दर्शन-पूजन (Saawan Third Monday) का क्रम भोर से शुरू होकर अर्धरात्रि तक चलता रहा। इसी तरह शहर के त्रिलोचन महादेव, कामेश्वर महादेव, तिल भांडेश्वर महादेव, ओंकारेश्वर महादेव, जागेश्वर महादेव, महामृत्युंजय महादेव, गौरी केदारेश्वर महादेव, कर्मदेश्वर महादेव आदि महादेव, बांसफाटक स्थित आदि विशेश्वर महादेव, गौतमेश्वर महादेव समेत अन्य शिवालयों में भक्तों की भीड़ उमड़ी रही।
सावन के तीसरे सोमवार (Saawan Third Monday) पर बाबा विश्वनाथ का हुआ अमृत वर्षा श्रृंगार
सावन के तीसरे सोमवार (Saawan Third Monday) को बाबा का अर्धनारीश्वर का श्रृंगार सुगंधित फूलों से करने की परंपरा है। लेकिन इस बार अधिकमास के कारण सावन के तीसरे सोमवार पर बाबा विश्वनाथ का अमृत वर्षा श्रृंगार किया गया। वैसे तो श्री काशी विश्वनाथ का प्रतिदिन फूल मालाओं से श्रृंगार होता है। लेकिन सावन के सभी सोमवार पर बाबा अलग-अलग रूपों में भक्तों को दर्शन देते हैं। सावन के तीसरे सोमवार को बाबा का अर्धनारीश्वर का श्रृंगार सुगंधित फूलों से करने की परंपरा है। लेकिन इस बार सावन के तीसरे सोमवार पर बाबा विश्वनाथ का अमृत वर्षा श्रृंगार किया गया। पूरे मंदिर परिसर को भी फूल पत्तियों व मालाओं से सजाया गया था।

चौथे सोमवार को बाबा विश्वनाथ का भागीरथी श्रृंगार होगा। पांचवें सोमवार को तपस्यारत पार्वती श्रृंगार, छठवें सोमवार को शंकर पार्वती और गणेश श्रृंगार के दर्शन भक्तों को होंगे। सातवें सोमवार को अर्द्धनारीश्वर स्वरूप में भगवान शिव गर्भगृह में विराजमान होंगे। अंतिम व आठवें सोमवार को बाबा विश्वनाथ का रुद्राक्ष श्रृंगार कराया जाएगा।
गंगा में बाढ़ के चलते ललिता घाट की ओर से प्रवेश रहा बंद गंगा का जलस्तर बढ़ने की वजह से सावन के तीसरे सोमवार पर बाबा के जलाभिषेक करने के लिए ललिताघाट की ओर से भक्तों का प्रवेश बंद रहा। शेष तीनों गेट से पूर्व की ही तरह प्रवेश दिया जा रहा था। किसी भी श्रद्धालु के साथ कोई घटना न हो जाए, इसको देखते हुए मंदिर प्रशासन ने ललिताघाट की ओर जाने वाले सभी मार्ग को बंद कर दिया था। यही नहीं गंगा में बढ़ाव के कारण नाव का संचालन भी पहले से ही बंद है।