एक ओर जहां काशी में मंगलवार को स्वामी प्रसाद मौर्य के बुद्धि में विकास के लिए लोगों ने हनुमान चालीसा पढ़ी. वहीँ, इस मामले में अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती का बयान भी चर्चा में आ गया है.
स्वामी ने कहा है कि ऐसी टिप्पणी करने वालों की सही जगह जेल है. मैं केंद्र व प्रदेश सरकार से मांग करता हूँ कि रामचरितमानस पर टिप्पणी करने के मामले में स्वामी प्रसाद मौर्य को जेल भेजा जाय. मौर्य पर प्रदेश में अशांति और दंगा भड़काने के आरोपों में मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए. ये सब चर्च प्रायोजित वामपंथी टूल किट का हिस्सा हैं. टूल किट के तहत काफी प्रायोजित ढंग से हिन्दुओं को असहिष्णु का तमगा देने का प्रयास हो रहा है.
जितेन्द्रानंद ने आगे कहा कि पहले वे आपके धर्मग्रंथों को गालियां देंगे. जब हिन्दू धर्म के लोग इसका विरोध करने सड़क पर उतरेंगे, तो कहा जाएगा कि सरकार और हिन्दू समाज असहिष्णु है.