समाजवादी पार्टी (Sapa) के वरिष्ठ नेता आज़म खां शुक्रवार को सपा प्रमुख अखिलेश यादव से लखनऊ में मिले। यह मुलाकात लंबे अंतराल के बाद हुई, जिसने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। इस दौरान आज़म खां के बेटे अब्दुल्ला आज़म भी मौजूद रहे। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मुलाकात की तस्वीरें एक्स पर साझा कीं और लिखा कि “न जाने कितनी यादें संग ले आए…”
Sapa के आज़म खां ने कही ये बात
जानकारी के अनुसार, आज़म खां गुरुवार की रात लखनऊ पहुंचे और एक निजी होटल में ठहरे। उनका आगमन बेहद गोपनीय रखा गया था, जिसकी भनक तक पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं (Sapa) को नहीं लगी। लेकिन होटल में सपाइयों की बढ़ती आवाजाही ने उनके आने की पुष्टि कर दी।
मुलाकात के दौरान उनसे मिलने वालों में पूर्व मंत्री अभिषेक मिश्रा और मुख्तार अंसारी के बड़े भाई सिबगतुल्लाह अंसारी भी शामिल थे। इसी दौरान आज़म खां ने लेखक हैदर अब्बास की पुस्तक ‘सीतापुर की जेल डायरी’ का भी विमोचन किया।
आज़म खां ने अपने अंदाज़ में कई तीखे बयान दिए
पत्रकारों से बातचीत में आज़म खां ने अपने अंदाज़ में कई तीखे बयान दिए। उन्होंने कहा कि “50 साल की सियासत के बावजूद लखनऊ में मेरी कोई कोठी नहीं है, फिर भी मुझे भूमाफिया कहा जा रहा है। अगर मैं भूमाफिया होता, तो मेरे पास भी कोई कोठी होती।”
उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि “रामपुर में जहां मेरा घर है, वहां बारिश में पानी भर जाता है। अब आप ही बताइए — क्या ऐसा किसी भूमाफिया का घर होता है?”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार में दिए गए ‘कट्टा’ वाले बयान पर भी आज़म खां ने चुटकी ली। उन्होंने कहा कि “हमारे यहां तो कट्टे बेचने वाले का बेटा विधायक बन गया, और उसे कमांडो सुरक्षा भी मिली है। 1975 में जो कट्टे के ड्रम के साथ गिरफ्तार हुआ था, आज वही विधायक (Sapa) है और उसका बेटा भी।”
वहीं बिहार चुनाव में प्रचार से दूरी की वजह पूछे जाने पर आज़म खां ने कहा कि वहां हालात चुनौतीपूर्ण हैं क्योंकि जानवरों से लड़ने और जिनके पास सक्षम हथियार हैं, वही लोग वहां गए। हमारे पास न तो हथियार हैं, न सुरक्षा, इसलिए हम उस जंगल तक नहीं गए।

