नई दिल्ली। राजीव गांधी के 6 हत्यारों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर रिहा कर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार कीकि सुबह ही नलिनी और आर पी रविचन्द्रन समेत सभी दोषियों कि रिहाई का आदेश दे दिया था। ये सभी दोषी अभी तक उम्रकैद की सजा काट रहे थे।
इससे पूर्व SC ने 18 मई 2022 को इसी केस में दोषी पेरारीवलन की रिहाई का आर्डर दिया था। कोर्ट ने कहा कि पेरारीविलन की रिहाई का ऑर्डर बाकि दोषियों पर भी लागू होगा। बता दें कि नलिनी समेत बाकि दोषियों ने सुनवाई के दौरान अपनी याचिका में ए जी पेरारीवलन की रिहाई के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए अपनी रिहाई की मांग की थी। नलिनी और रविचंद्रन दोनों 30 वर्ष से ज्यादा समय जेल में गुजार चुके हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा, जेल में आचरण को भी ध्यान में रखा गया है। तथ्य यह है कि उन्होंने 30 साल से अधिक जेल में बिताए हैं। राज्य मंत्रिमंडल का निर्णय राज्यपाल पर बाध्यकारी है, लेकिन राज्यपाल ने चार साल से कार्रवाई नहीं की। इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने सभी को रिहा कर दिया।
सोनिया गांधी ने कर दिया था माफ़
राजीव गांधी हत्याकांड में जब नलिनी को गिरफ्तार किया गया था, तब वे दो महीने की गर्भवती थीं। इस दौरान सोनिया गांधी ने नलिनी को माफ़ कर दिया था। सोनिया गांधी ने तब कहा था, “नलिनी के गलती की सजा एक मासूम बच्चे को कैसे मिल सकती है, जबकि वह इस दुनिया में आया ही नहीं है।”
सबसे युवा प्रधानमंत्री रह चुके हैं राजीव गांधी
राजीव गांधी देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री रह चुके हैं। 21 मई, 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में एक चुनावी रैली के दौरान धनु नाम की एक लिट्टे आत्मघाती हमलावर ने पूर्व प्रधानमंत्री हत्या कर दी थी। लिट्टे की महिला आतंकी धनु ने राजीव को फूलों का हार पहनाने के बाद उनके पैर छूए और झुकते हुए कमर पर बंधे विस्फोटकों में ब्लास्ट कर दिया। धमाका इतना जबरदस्त था कि कई लोगों के चीथड़े उड़ गए। राजीव और हमलावर धनु समेत 16 लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जबकि 45 लोग गंभीर रूप से घायल हुए।