Kashi Vishvanath : सावन के अंतिम दिन बाबा श्री काशी विश्वनाथ का झूला श्रृंगार किया गया। बाबा के दर्शन प्राप्त करने के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर बाबा धाम पहुंचे। सावन के अंतिम दिन लगभग पौने दो लाख श्रद्धालुओं ने बाबा का दर्शन-पूजन किया। डमरू और शहनाई वादन के बीच बाबा की पंच बदन चल रजत प्रतिमा मंदिर के गर्भगृह (Kashi Vishvanath) पहुंची।

बता दें कि भगवान शंकर (Kashi Vishvanath) के सबसे प्रिय मास सावन के अंतिम दिन श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में परंपरा के अनुसार झूला श्रृंगार किया गया। इसमें बाबा की चल रजत प्रतिमा का भव्य श्रृंगार करके झूले पर रखकर झुलाया जाता है। मंदिर के पुजारी द्वारा उसकी भव्य आरती उतारी जाती है। इसको देखने के लिए दूरदराज से श्रद्धालु श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में पहुंचते हैं।

Kashi Vishvanath : श्रृंगार भोग आरती के समय गर्भ गृह पहुंची प्रतिमा
बुधवार को हुए इस आयोजन में मंदिर के सेवादार पुजारी बाबा का जय घोष करते हुए उनकी चल रजत प्रतिमा को पालकी पर बिठाकर टेढ़ी नीम स्थित महंत परिवार के आवास से लेकर निकले। डमरू और शहनाई वादन के बीच बाबा की प्रतिमा (Kashi Vishvanath) श्रृंगार भोग आरती के समय गर्भ गृह पहुंची। जहां उपस्थित श्रद्धालुओं ने हर-हर महादेव के नारे से बाबा को प्रणाम कर पालकी का स्वागत किया। इसके बाद इस प्रतिमा को गर्भ गृह के अंदर मंत्रोचार के बीच स्थापित किया गया।

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प्रतिमा (Kashi Vishvanath) की स्थापना के पश्चात गर्भ गृह के अर्चक पंडित टेकनारायण उपाध्याय और महंत परिवार के पुजारी ने इस प्रतिमा की भव्य आरती उतारी। आरती इसके पश्चात बाबा को झूले पर झुलाया गया। इस पूरी परंपरा को देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु भी मंदिर परिसर में उपस्थित रहे।