Kashi Vishwanath Dham (वाराणसी)। सावन का पहला सोमवार 10 जुलाई को पड़ रहा है। इस बार बाबा दरबार में लाखों की भीड़ उमड़ने वाली है। स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसके लिए संकेत दे चुके हैं। सावन के पहले सोमवार को 21 यादव बंधुओं को ही बाबा विश्वनाथ के गर्भगृह में प्रवेश करके जलाभिषेक की अनुमति दी गई है। अन्य यदुवंशी समाज बाहर से ही जलाभिषेक करेंगे। चंद्रवंशी गोप समिति के साथ तीन दौर की वार्ता के बाद पुलिस और मंदिर प्रशासन ने यह निर्णय लिया है।
चंद्रवंशी गोप समिति के अध्यक्ष लालजी यादव ने बताया कि वर्षों से चली आ रही परंपरा को यादव समाज निभाएगा। 10 जुलाई को पहले सोमवार (Kashi Vishwanath Dham) पर इस बार भक्तों की भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन व मंदिर प्रशासन ने 21 यदुवंशी समाज के लोगों को गर्भगृह में जलाभिषेक की अनुमति दी है। हम लोगों की जलाभिषेक यात्रा गौरी केदारेश्वर, तिलभांडेश्वर, शीतला मंदिर होते हुए गंगा द्वार से श्री काशी विश्वनाथ धाम में प्रवेश करेगी।
वर्षों से चली आ रही परंपरा का निर्वहन किया जाएगा। हम ना तो किसी प्रकार की नई परंपरा शुरू करेंगे ना ही अपनी पुरानी परंपरा छोड़ेंगे। जो मार्ग रहा है हम उसी मार्ग से जलाभिषेक करने जाएंगे। मंदिर प्रशासन का पूरा सहयोग किया जाएगा। 21 लोगों के साथ गर्भगृह में प्रवेश कर जलाभिषेक करने की अनुमति मिली है। हम प्रशासन के निर्णय के साथ हैं।
Kashi Vishwanath Dham: जलाभिषेक के रास्ते में हैं परेशानियां
चंद्रवंशी गोप समिति के अध्यक्ष ने बताया कि जलाभिषेक के रास्ते में कई जगह अव्यवस्थाएं हैं। मच्छोदरी में बिल्डिंग मैटेरियल वालों का कब्जा है। कज्जाकपुरा की सड़क खराब है। प्रशासन ने समस्याओं को दूर कराने का आश्वासन दिया है।
Kashi Vishwanath Dham: अनुमति नहीं मिली तो मंदिर में देंगे धरना
गोवर्धन पूजा समिति के पदाधिकारियों ने 21 लोगों के गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति पर रोष जताया है। शनिवार को गोवर्धन धाम राजघाट पर बैठक में 10 जुलाई को होने वाले पारंपरिक सावन (Kashi Vishwanath Dham) के जलाभिषेक की तैयारियों पर चर्चा हुई। अध्यक्ष विनोद यादव और महामंत्री पारस यादव ने बताया कि जलाभिषेक में शामिल होने के लिए देश भर से यादव बंधु बनारस आते हैं।
ऐसे में 21 लोगों को गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति देना ठीक नहीं है। हमारी परंपरा कई वर्षों से चली आ रही है। पिछले साल भी व्यवस्था के नाम पर जिला प्रशासन ने गर्भगृह में जाने से रोक दिया था। जब विरोध हुआ तब गर्भगृह में प्रवेश कर जलाभिषेक करने दिया गया। अगर व्यवस्था के नाम पर हमारी परंपरा को रोका गया तो समाज वहीं धरना देने के लिए विवश होगा। इसकी सारी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी। इस दौरान अशोक यादव, कैलाश यादव, श्रीप्रकाश यादव मुन्ना, दिनेश यादव पप्पू शामिल रहे।