Gyanvapi Shringar Gauri Case: ज्ञानवापी के मां श्रृंगार गौरी प्रकरण में अब केंद्र सरकार की भी एंट्री होने जा रही है। केंद्र सरकार अब ज्ञानवापी के श्रृंगार गौरी मामले में चार अधिवक्ता नियुक्त करने जा रही है। इसके लिए भारत सरकार की ओर से अधिवक्ता अमित कुमार श्रीवास्तव की अगुवाई में टीम बनी है। इसमें राहुल मिश्रा, रजनीश अग्रवाल व शंभू शरण सिंह का नाम भी शामिल है। अधिवक्ताओं ने जिला जज की अदालत में प्रार्थना पत्र दाखिल किया है। साथ ही अदालत से वाद-पत्र, किसी तरह के आदेश या फिर उससे संबंधित साक्ष्य की प्रति मांगी है।
जिला जज की अदालत के आदेश से ज्ञानवापी के मां शृंगार गौरी (Shringar Gauri Case) मूल वाद और उसी प्रकृति के सात अन्य मुकदमों की सुनवाई एक साथ शुरू हुई है। मामले की अगली सुनवाई 12 जुलाई को होनी है। इससे पहले ही केंद्र सरकार के अधिवक्ताओं ने जिला जज की अदालत में प्रार्थना पत्र दाखिल कर दिया।
Gyanvapi Shringar Gauri Case: सात मुकदमों में से तीन में यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया है प्रतिवादी
अधिवक्ता अमित कुमार श्रीवास्तव ने शनिवार को बताया कि ज्ञानवापी के मां श्रृंगार गौरी मूल वाद के साथ जो सात मुकदमे सुने जाने हैं, उनमें से तीन में यूनियन ऑफ इंडिया प्रतिवादी है। इनमें मां श्रृंगार गौरी रंजना अग्निहोत्री बनाम यूनियन ऑफ इंडिया वगैरह, सत्यम त्रिपाठी वगैरह बनाम यूनियन ऑफ इंडिया वगैरह और मां गंगा वजरिये सुरेश चाक्रवाण वगैरह बनाम यूनियन ऑफ इंडिया वगैरह का मुकदमा शामिल है। इनमें केंद्र सरकार का पक्ष रखा जाएगा। इसलिए वादी से वाद-पत्र व अंतरिम निषेधाज्ञा और उससे संबंधित सबूत की कॉपी वादी से दिलाने की मांग की गई है।