बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर मनोज बाजपेयी जिस भी फिल्म में होते हैं उसे दमदार बना देते हैं। हाल ही में एक्टर की फिल्म सिर्फ एक बंदा काफी है रिलीज हुई है। इस फिल्म को ओटीटी प्लेटफॉर्म जी5 पर रिलीज किया गया। लेकिन फिल्म की कहानी और मनोज की दमदार एक्टिंग को देखते हुए सिनेमाघरो में रिलीज कर दी गई है।
फिल्म की सिनेमाघरों में रिलीज होने के पहले मनोज बाजपेयी कहा कि कम से कम दर्शकों की मांग का सम्मान रखने के लिए तो ऐसा करना ही चाहिए। बता दें कि मनोज बाजपेयी स्टारर इस फिल्म को जी स्टूडियोज और भानुशाली स्टूडियोज लिमिटेड प्रेजेंट्स ने प्रोड्यूस किया है। इसके अलावा विनोद भानुशाली, कमलेश भानुशाली, आसिफ शेख और विशाल गुरनानी मूवी के को-प्रोड्यूसर्स हैं।
भारी मांग के कारण सिनेमाघरों में रिलीज हुई फिल्म
मनोज बाजपेयी ने शुक्रवार को अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर पोस्ट शेयर करते हुए सिर्फ एक बंदा काफी है कि थिएट्रिकल रिलीज की जानकारी दी। एक्टर ने ट्वीट किया, “बंदा आज से थिएटर्स में दस्तक दे रही है। भारी मांग के चलते फिल्म को रिलीज किया जा रहा है।”
फिल्म ने OTT और थिएटर्स दोनों मीडियम को नई राह दिखाई
मनोज का कहना है कि फिल्में पहले सिनेमाघरों में रिलीज होती हैं, उसके बाद OTT पर आती हैं, लेकिन ये पहली फिल्म है, जो OTT से होकर बड़े पर्दे पर जा रही है।
मनोज ने कहा- मुझे लगता है कि हमारे इस कदम से लोगों के सोचने का नजरिया बदलेगा। मुझे लगता है कि इन दोनों मीडियम को ( OTT और थिएटर्स) एक दूसरे के कंपटीशन की तरह नहीं बल्कि एक दूसरे के साथ काम करना चाहिए।
फिल्म के कलेक्शन की चिंता करना प्रोड्यूसर्स और डिस्ट्रीब्यूटर्स का काम
मनोज ने कहा कि फिल्म कितनी कमाई कर रही है, वो इस फिल्म के लिए सेकेंडरी हो गया है। उन्होंने कहा- जब ये फिल्म OTT पर रिलीज हुई तो किसी ने इसके नंबर्स के बारे में बात नहीं की।
अब जब फिल्म थिएटर्स में रिलीज हो गई है तो लोग इसके क्राफ्ट, क्रिएटिविटी और कैमरा वर्क के बारे में बात करेंगे। फिल्म का कलेक्शन कितना है, ये सब सोचना प्रोड्यूसर्स और डिस्ट्रीब्यूटर्स का काम है।
शुरुआत में हुआ विवाद, आसाराम ट्रस्ट के लोगों ने जताई थी आपत्ति
इस फिल्म को लेकर भले ही पॉजिटिव रिस्पॉन्स मिल रहा है, लेकिन ट्रेलर रिलीज के बाद फिल्म पर विवाद देखने को मिला था। ट्रेलर रिलीज होने के बाद आसाराम बापू ट्रस्ट ने फिल्मल के मेकर्स को नोटिस जारी कर दिया था। असल फिल्म में दिखाया गया है कि एक बाबा ने 16 साल की लड़की का रेप किया है।
डिस्क्लेमर में साफ लिखा है कि ये फिल्म सच्ची घटनाओं पर प्रेरित है। फिल्म में दिख रहे बाबा का हुलिया सीधे तौर पर आसाराम से मिलता जुलता है। आसाराम बापू ट्रस्ट के वकील ने कहा कि फिल्म से उनके मुवक्किल की इमेज को नुकसान पहुंचाया गया है। उन्होंने फिल्म की रिलीज को रोकने की भी मांग की थी। फिल्म में मनोज बाजपेयी एक वकील पीसी सोंलकी के किरदार में हैं। रियल लाइफ में आसाराम के खिलाफ पीसी सोलंकी नाम के ही एक वकील ने केस लड़ा था।
Anupama Dubey