वाराणसी। श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की पहली वर्षगांठ मनाई जा रही है। नए कॉरिडोर को बने हुए एक वर्ष पूरे हो चुके हैं। ऐसे में विश्वनाथ धाम परिसर में चारों ओर खुशियां मनाई जा रही हैं। बीते एक वर्ष में धाम ने कई कीर्तिमान रचे हैं। कॉरिडोर निर्माण से अब तक एक वर्ष में लगभग 7.35 करोड़ श्रद्धालु धाम पहुंचे। इसके अलावा बाबा दरबार में सोना, चांदी, नगदी आदि मिलाकर कुल 100 करोड़ रुपए से अधिक का चढ़ावा चढ़ाया गया है।
श्री काशी विश्वनाथ धाम के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि काशी विश्वनाथ धाम का नया स्वरुप होने से पर्यटकों की संख्या पांच गुना तक बढ़ी है। जिसके कारण लोकल ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा मिला है। साथ ही होटल, गेस्ट हाउस, नाविकों, मजदूरों आदि की इनकम बढ़ी है। अभी दो दिन पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि पहले वाराणसी में एक साल में एक करोड़ पर्यटक आते थे, अब एक महीने में इतने आ रहे हैं।
50 करोड़ से अधिक की सोना, चांदी
मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने आगे बताया कि धाम के नए स्वरुप के लोकार्पण के बाद से अब तक भक्तों के ओर से 50 करोड़ से अधिक की नगदी दान की गई है। इसमें 40% की नगदी ऑनलाइन तरीके से दी गई है। वहीँ श्रद्धालुओं ने दिल खोलकर बाबा पर सोना चांदी लुटाए हैं। पिछले एक वर्ष में 50 करोड़ से अधिक की बहुमूल्य धातु (60 किग्रा सोना, दस किग्रा चांदी और 50 किग्रा तांबा) बाबा को दान में मिला है।
100 करोड़ रुपए से अधिक का दान
भक्तों द्वारा दान किए गए सोना और तांबे का प्रयोग करके गर्भगृह की बाहरी व आन्तरिक दीवारों को स्वर्ण मंडित किया गया है। अधिकारी के अनुसार, 13 दिसंबर, 2021 से लेकर अबतक श्रद्धालुओं द्वारा 100 करोड़ रुपए से अधिक का अर्पण किया गया है, जो मंदिर के इतिहास में सर्वाधिक है। साथ ही गत वर्ष की तुलना में ये राशि लगभग 500 परसेंट से अधिक है। बता दें कि धाम परिसर के चारों द्वार पर लगे हेड स्कैनिंग मशीन के जरिए नियमित अंतराल पर श्रद्धालुओं की गिनती की जाती है।
वाराणसी की बढ़ती अर्थव्यवस्था
बता दें कि काशी विश्वनाथ धाम में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने से वाराणसी की अर्थव्यवस्था पर ख़ासा प्रभाव पड़ा है। वाराणसी आने वाले पर्यटकों के कारण शहर होटल, रेस्टुरेंट, परिवहन आदि की कमाई बढ़ने के साथ ही वाराणसी की अर्थव्यवस्था में अच्छा सुधर हुआ है। एक होटल के मालिक ने बताया कि पहले जहां हमलोगों को कमरों की बुकिंग के लिए मोबाइल एप्लीकेशन ओयो (oyo) और गोबिबो (GOBIBO) पर निर्भर होना पड़ता था। अब वहीँ रूम के लिए कस्टमर डायरेक्ट हमारे रिसेप्शन पर संपर्क कर रहा है। कभी-कभी तो हमें कस्टमर को वापस भी करना पड़ जाता है।