Stop TB Partnership Meeting
- टीबी मरीजों का पता लगाने, गणितीय मॉडलिंग, डिजिटल क्रियाकलाप और निगरानी में नवाचार के माध्यम से भारत जमीनी स्तर पर असाधारण काम कर रहा है
- दुनिया को स्वास्थ्य सेवा को लोगों के करीब लाने के लिए भारतीय नवाचार, विचारों और रणनीतियों का अनुकरण करना चाहिए: डॉ. लुसिका डिटियू
वाराणसी। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने शनिवार को स्टॉप टीबी पार्टनरशिप की 36वीं बोर्ड बैठक को संबोधित करते हुए कहा, हमने भारत में टीबी को खत्म करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अटूट प्रतिबद्धता देखी है। हम टीबी के खिलाफ सहयोग आधारित लड़ाई में आगे बढ़कर नेतृत्व करने और ग्लोबल साउथ की आवाज बनने के लिए तैयार हैं।
नदेसर स्थित एक तारांकित होटल में अयोििजत स्टॉप टीबी पार्टनरशिप की 36वीं बोर्ड बैठक की अध्यक्षता करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मंनसुख मंडाविया ने कहा, भारत ने जी20 की अध्यक्षता के तहत तीन महत्वपूर्ण स्वास्थ्य प्राथमिकताओं की पहचान की है। ये सभी व्यापक स्वास्थ्य कवरेज पर केंद्रित हैं और टीबी उन्मूलन के लिए हमारे प्रत्युत्तर के लिए प्रासंगिक हैं। उन्होंने यह भी कहा कि टीबी मरीजों का पता लगाने, गणितीय मॉडलिंग, डिजिटल क्रियाकलाप और निगरानी में नवाचार के माध्यम से भारत जमीनी स्तर पर असाधारण काम कर रहा है। उन्होंने कहा भारत को इस तरह की अच्छी प्रथाओं को दोहराने के लिए अन्य देशों के साथ तकनीकी सहायता साझा करने में खुशी होगी। उनके साथ स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार भी उपस्थित थीं।
यूनाइटेड नेशन की बैठक में हो टीबी टीके का जिक्र
बोर्ड की बैठक में वार्ता की गयी कि इस बीमारी के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने स्टॉप टीबी पार्टनरशिप बोर्ड से इस पर विचार-विमर्श करने और इस आगामी सितंबर में आयोजित व्यापक स्वास्थ्य कवरेज पर संयुक्त राष्ट्र की उच्च स्तरीय बैठक में इस मामले को उठाने का आग्रह किया। डॉ. मांडविया ने कहा, टीबी के टीके की तत्काल आवश्यकता है। डॉ. मांडविया ने कहा कि इसके संक्रमण को तेजी से ट्रैक करना, विनिर्माण क्षमताओं का विस्तार करना और इसकी आसान पहुंच के संदर्भ में अन्य देशों की मदद करना भी महत्वपूर्ण है।

बोर्ड की डॉ.लुसिका ने भारत की सराहना
डॉ. लुसिका डिटियू ने जोर देकर कहा कि टीबी को खत्म करने में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका है, क्योंकि भारत की प्रगति दुनिया को आगे बढ़ाएगी। उन्होंने “नि-क्षय डेटा के बहुत परिष्कृत मॉडलिंग” के लिए भी भारत की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवा को लोगों के करीब लाने के लिए उनके नवाचार, विचार और रणनीति ऐसी है, जिसका पूरी दुनिया अनुकरण कर सकती है। स्टॉप टीबी पार्टनरशिप बोर्ड ने देश के भीतर साक्ष्य सहित टीबी संक्रमण के बोझ के बारे में भारत के आकलन की सराहना की। कार्यक्रम में टीबी प्रभावित समुदायों और नागरिक समाज की जवाबदेही रिपोर्ट घातक असमानता को दूर करने की प्राथमिकताएं का भी विमोचन किया गया।
इनकी रही सहभागिता
बोर्ड की बैठक में स्वास्थ्य मंत्रालय की अपर सचिव रोली सिंह, विश्व स्वास्थ्य संगठन के दक्षिण-पूर्वी एशिया क्षेत्र की क्षेत्रीय निदेशक डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह, स्टॉप टीबी पार्टनरशिप के वाइस चेयरआॅस्टिन एरिंज ओबीइफुना, स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव डॉ. अशोक बाबू, स्वास्थ्य मंत्रालय के केंद्रीय टीबी प्रभाग के उप महानिदेशक डॉ. राजेंद्र जोशी, स्वास्थ्य मंत्रालय के केंद्रीय टीबी प्रभाग के सहायक महानिदेशक डॉ. राव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहें।
प्रतिनिधियों ने वेलनेस सेंटरों व ग्राम पंचायतों को देखा
इसके पूर्व सभी देशों के प्रतिनिधियों ने शुक्रवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडवीय के नेतृत्व में स्टॉप टीबी पार्टनरशिप के हेड, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य उत्तर प्रदेश पार्थ सारथी सेन शर्मा सहित स्टॉप टीबी पार्टनरशिप के उच्च अधिकारियों और विशिष्ट अतिथियों ने आदर्श ब्लॉक सेवापुरी, काशी विद्यापीठ, हरहुआ, बड़ागांव के आयुष्मान भारतझ्रहेल्थ एंड वेलनेस सेंटर और ग्राम पंचायत भवनों का भ्रमण किया। इस दौरान उन्होने सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएचओ) और ग्राम प्रधानों से सामुदायिक स्तर पर क्षय रोग मुक्त करने को लेकर किए जा रहे विभिन्न प्रयासों, ई संजीविनी के जरिये टेली कंसल्टेशन, हर माह 15 तारीख को मनाए जाने वाले एकीकृत निक्षय दिवस, परिवार कल्याण कार्यक्रम, मातृ व शिशु स्वास्थ्य, किशोर-किशोरी स्वास्थ्य, वृद्धजन स्वास्थ्य, संचारी व गैर संचारी रोग नियंत्रण आदि के बारे में विस्तृत जानकारी ली। इसके साथ ही गोद लिए गए क्षय रोगियों को पोषण पोटली भी प्रदान की और उनके पोषण, स्वास्थ्य उपचार के बारे में जानकारी ली। जहां सभी को बताया गया कि हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर की शुरूआत प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान भारत के अन्तर्गत किया गया है, जो ग्राम सभा के लोगों को लाभान्वित करती है। इस सेन्टर पर विभिन्न तरह की प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करायी जाती है। जिनमें मातृ एवं शिशु जन्म देखभाल, नवजात एवं शिशु स्वास्थ्य, गैर संचारी रोग, संचारी रोग, ट्यूबरकुलोसिस सहित रोग निरोधात्मक एवं उपचारात्मक सेवाएं शामिल है। सभी तरह की प्राथमिक दवाएं हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर पर उपलब्ध है जिनका विवरण यहाँ बोर्ड पर अंकित रहता है। प्रत्येक माह की 15 तारीख को एकीकृत नि:क्षय दिवस के माध्यम से जन समुदाय को टीबी के बारे में जागरूक तथा स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना समारोह पूर्वक किया जाता है।

पत्रकारों से हुए मुखातिब डॉ.मंनसुख
बोर्ड की बैठक के बाद पत्रकारों से वार्ता करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने बतया कि चालीस देशों ने भारत के निक्षय मित्र की सराहना की है। उन्होंने भी अपने यहां निक्षय मित्र बनाने की बात स्वीकर किया है। बताया कि सभी देशों के प्रतिनिधियों ने भारत द्वारा पांच साल पूर्व टीबी खात्मे के टारगेट की सराहना की। बतया कि अब स्टाप टीबी बोर्ड ने इस बात को सुनिश्चित किया है कि टीबी मुक्त के लिए भारत बोर्ड का प्रतिनिधित्व (अध्यक्षता ) करेगा।
जन औषधि केंद से नकली दवाओं पर अंकुश
पत्रकारों से वार्ता करते हुए बताया कि नकली दवाओं पर अब पूरी तरह से अंकुश लग चुका है लेकिन अगर कहीं है तो उसी पर अंकुश लगाने के लिए ही जन औषधि केंद्र की स्थापना की गयी है। जहां सस्ती दवाएं उपलब्ध हैं, एक सवाल के जवाब में बताया कि अब यह धारणा कि सरकारी में सप्लाई होने वाली दवाओं में पोटेंशियम की मात्रा कम होती है बीते दिनों की बात है।
बीएचयू में अनियमिता को स्वीकारा
वार्ता के दौरान बीएचयू के सरसुन्दर लाल चिकित्सालय में हो रही विभिन्न अनिमियता को स्वास्थ्य मंत्री डॉ.मंनसुख मंडाविया ने स्वीकार किया। बताया कि बीएचयू अस्पताल का दौरा किया गया है, जानकारी भी ली गयी है इस पर जल्द ही कार्रवाई की जायेगी। बताया कि भारत में स्वास्थ्य कर्मिशियल नहीं बल्कि सेवा है।