वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के 28वें कुलपति सुधीर कुमार जैन के कार्यकाल का सोमवार (6 जनवरी) को अंतिम दिन विरोध और विदाई के मिश्रित माहौल के बीच बीता। जहां एक ओर केंद्रीय कार्यालय में प्रोफेसर और अधिकारी उन्हें विदाई दे रहे थे, वहीं दूसरी ओर छात्रों ने कुलपति आवास के बाहर प्रदर्शन किया और उनके कार्यकाल पर गंभीर आरोप लगाए।
BHU: छात्रों का विरोध प्रदर्शन
कुलपति आवास के बाहर करीब 10 छात्र प्रदर्शन करने पहुंचे और पुतला जलाने की कोशिश की। छात्रों को रोकने के लिए 50 सदस्यीय प्राक्टोरियल बोर्ड की टीम तैनात थी। प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने कुलपति की तस्वीरें लेकर दौड़ लगाई, और प्राक्टोरियल टीम उन्हें रोकने के लिए पीछा करती नजर आई। इस हंगामे के कारण माहौल तनावपूर्ण हो गया।

नाराज छात्रों ने आवास के बाहर तस्वीर जलाने के बाद धरना भी शुरू कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि कुलपति ने अपने तीन साल के कार्यकाल में छात्रों के हित में कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
मुख्य आरोप
- एडमिशन में गड़बड़ी: छात्रों का कहना है कि प्रवेश प्रक्रिया निष्पक्ष नहीं रही।
- विरोध करने पर दंड: जिन छात्रों ने नीतियों का विरोध किया, उन्हें विश्वविद्यालय से निष्कासित कर दिया गया।
- EC का गठन नहीं: छात्रों का दावा है कि कुलपति के कार्यकाल में पहली बार विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद (EC) का गठन नहीं हुआ।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
छात्रों के आक्रोश को देखते हुए पूरे कैंपस में प्राक्टोरियल बोर्ड को अलर्ट मोड पर रखा गया। सेंट्रल ऑफिस में प्रवेश करने वाले हर व्यक्ति की कड़ी चेकिंग की गई और कुलपति कार्यालय के बाहर सुरक्षा कर्मियों की संख्या बढ़ा दी गई।