Surjewala Case: कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला के मामले में विशेष न्यायाधीश एमपी एमएलए अवनीश गौतम की अदालत में सुरजेवाला के अधिवक्ता संजीव वर्मा ने आवेदन देकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। आवेदन में कहा गया कि संवासिनी प्रकरण (Surjewala Case) में कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला कि गिरफ्तारी के बाद चिकित्साकीय परीक्षण पत्रावली में नहीं हैं, उस समय 25 आरोपी जो कांग्रेसी थे गिरफ्तार हुए थे। उनका भी चिकित्सकीय परीक्षण रिपोर्ट नहीं हैं। सुरजेवाला कि गिरफ्तारी के बाद उनका सीआरपीसी की धारा 161 का बयान प्राप्त केस डायरी में नहीं हैं। इन सभी प्रपत्रों को प्राप्त कराया जाय।
अधिवक्ता ने आवेदन में कहा कि सुरजेवाला की गिरफ्तारी (Surjewala Case) व रवानगी जेल विवरण भी नहीं हैं उसे उपलब्ध कराया जाय। 23 वर्ष पूर्व जिला युवा कांग्रेस के नेतृत्व में जो आंदोलन हुआ, तत्कालीन युवा कांग्रेस के अध्यक्ष दयाशंकर मिश्र दयालू की गिरफ्तारी नहीं दिखाई गई है। कोर्ट में इन बिन्दुओं से संबंधित आवेदन देकर इसकी जानकारी मांगी गई हैं, जिससे कि आरोप से बरी किये जाने का आवेदन दाखिल किया जा सके।
अदालत ने इस आवेदन पर सुनवाई के बाद 10 अगस्त को आदेश (Surjewala Case) के लिए तिथि नियत कर दी। सुनवाई के दौरान एडीजीसी विनय सिंह भी कोर्ट में मौजूद रहे। इसके पहले पिछली तारीख पर उच्च न्यायालय के आदेश के क्रम में पठनीय कापी टाइप शुदा उपलब्ध करा दी गई थी। कोर्ट ने कहा था कि उच्च न्यायालय ने विचारण न्यायालय के संतुष्टि पर पठनीय कॉपी उपलब्ध कराने का आदेश पारित किया है।
जिसके बाद सुरजेवाला (Surjewala Case) के प्रार्थना पत्र को निस्तारित करते हुए 7 अगस्त 2023 को संवासिनी प्रकरण में आरोप से डिस्चार्ज किये जाने संबंधी प्रार्थना पत्र पर सुनवाई की तिथि नियत कर दी थी, इस बीच यह आवेदन दाखिल कर दिए गया।

Surjewala Case: ये है पूरा मामला
प्रकरण के मुताबिक 23 वर्ष पूर्व हुए संवासिनी प्रकरण में कांग्रेस नेताओं की गिरफ्तारी के विरोध में तत्कालीन कांग्रेस युवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरजेवाला के नेतृत्व में कमीशनरी में प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़ और सरकारी सम्पत्ति को क्षति पहुंचाई गई थी। इस मामले में सुरजेवाला भी आरोपी हैं और आरोप से डिस्चार्ज किये जाने हेतु कोर्ट से अभियोजन प्रपत्रों की पठनीय प्रति मांगी गई थी। जो सुप्रीमकोर्ट और हाईकोर्ट के आदेश के बाद प्राप्त हो गई। इस मामले में स्थानीय अदालत ने सुरजेवाला के खिलाफ गिरफ्तारी वारन्ट भी जारी किया गया था, जिसे हाईकोर्ट के आदेश पर स्थगित कर दिए गया था।