Surjewala Case: वाराणसी कोर्ट में कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम)/ एमपी-एमएलए अवनीश गौतम की अदालत ने सोमवार को 23 साल पुराने चक्काजाम, सरकारी संपत्तियों को नुकसान करने के मामले में अब 20 जुलाई को कांग्रेस नेता पेश होंगे। वाराणसी कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेशानुसार अग्रिम करवाई अगले आदेश तक रोक लगा दी है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार 21 अगस्त 2000 को वाराणसी में जिला मुख्यालय पर चक्काजाम, सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने में कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला के खिलाफ केस (Surjewala Case) दर्ज है। इसमें बहुचर्चित संवासिनी कांड में कांग्रेस नेताओं को फर्जी ढंग से आरोपी बनाए जाने का आरोप लगाकर 21 अगस्त 2000 को युवा कांग्रेस के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष रणदीप सिंह सुरजेवाला और प्रदेश अध्यक्ष एसपी गोस्वामी के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ता आयुक्त कार्यालय परिसर में जबरन घुस गए थे।
कांग्रेस नेताओं ने आयुक्त कोर्ट में घुस कर हंगामा और तोड़फोड़ की थी। सूचना पर पुलिस सभी को शांत कराने गई तो प्रदर्शनकारी उलझ गए थे। पुलिस टीम ने बल प्रयोग किया तो कांग्रेस कार्यकर्ता पथराव करते हुए भागने लगे। पुलिस ने मौके से रणदीप सिंह सुरजेवाला और एसपी गोस्वामी सहित कांग्रेस के अन्य नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था।
Surjewala Case: हाईकोर्ट में पहले ही ख़ारिज हो चुका है मामला
लगभग 23 साल पहले चक्काजाम, सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने की धाराओं में दर्ज को रद्द करने की सुरजेवाला की याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट में पहले ही खारिज हो चुकी है। सुरजेवाला के अधिवक्ता का कहना है कि राज्यसभा सदस्य का नाम प्राथमिकी में नहीं है। गिरफ्तारी प्रपत्र और केस डायरी में भी उनका नाम नहीं है।
इसके बावजूद उनके खिलाफ (Surjewala Case) आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया। पिछले महीने MP/MLA कोर्ट विशेष न्यायाधीश (MP-MLA) अवनीश गौतम की अदालत में डिस्चार्ज दाखिल किया था। प्रार्थना पत्र देकर मामले से उन्मोचित (छोड़ने) किए जाने का अनुरोध कोर्ट से किया गया था। जिसे जज ने खारिज कर एनबीडब्लू दिया। कोर्ट में बचाव पक्ष की दलीलों का विरोध ADGC विनय कुमार सिंह ने किया, अब सुरजेवाला को गैर जमानती वारंट पर नौ जून को तलब किया है।