Swami Prasad Maurya: वाराणसी में सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ विवादित पोस्टर लगे हैं। जिसमें लिखा है – ‘मानसिक विक्षिप्त, स्वामी प्रसाद मौर्या’। पोस्टर लगाने वाले अधिवक्ताओं ने स्वामी प्रसाद मौर्य को विक्षिप्त घोषित करते हुए आम जनता से उन्हें इलाज के लिए मानसिक चिकित्सालय में भर्ती करने की अपील की है।
वाराणसी के अधिवक्ताओं ने स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) द्वारा लगातार सनातन धर्म और धर्म ग्रंथों को लेकर बयानबाजी पर नाराजगी व्यक्त करते हुए सपा नेता को मानसिक विक्षिप्त घोषित करते हुए जगह जगह इस आशय का पोस्टर चस्पा किया गया है। वाराणसी में इस तरह के पोस्टर की चर्चा चारों ओर है।

इस सम्बंध में अधिवक्ताओं का कहना है कि स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) द्वारा ज्ञानवापी एएसआई सर्वे (Gyanvapi ASI Survey) को लेकर बदरीनाथ धाम से जोड़ कर दिए गए बयान के बाद यह स्पष्ट हो जाता है कि यह मानसिक संतुलन बिगड़ गया है। अधिवक्ताओं ने आम जनता से अपील की है कि स्वामी प्रसाद मौर्य जहां भी मिले उन्हें तत्काल नजदीक के अस्पताल में भर्ती कराने में सहयोग करें।

Swami Prasad Maurya: सपा नेता ने दिया था विवादित बयान
दरअसल, ज्ञानवापी मस्जिद के ASI सर्वे पर प्रतिक्रिया देते हुए सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने कहा था कि अगर एएसआई सर्वे हो ही रहा है तो सिर्फ ज्ञानवापी का नहीं बल्कि सभी हिंदू मंदिरों का होना चाहिए। अधिकांश मंदिर बौद्ध मठों तो तोड़कर बनाए गए हैं। गड़े मुर्दे उखाड़ने की कोशिश की जाएगी तो बात बहुत दूर तक जाएगी। हम ऐसा नहीं चाहते। हम चाहते हैं कि भाई-चारा बना रहे। मौर्य ने दावा किया कि 8वीं सदी तक उत्तराखंड का बद्रीनाथ धाम बौद्ध मठ था। आदि शंकराचार्य ने उसे हिंदू मंदिर बनाया।