Swarved Temple: वाराणसी के उमरहां स्थित स्वर्वेद महामंदिर में रविवार को 25000 कुंडीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ का शुभारंभ हुआ। प्रतिदिन तीन घंटों तक चलने वाला यह महायज्ञ उत्तर भारतीय एवं दक्षिण भारतीय दोनों पद्धतियों से होगा। महायज्ञ का शुभारंभ सद्गुरु आचार्य श्री स्वतंत्र देव जी महाराज एवं संत प्रवर विज्ञान देव जी महाराज के पावन सानिध्य में होगा। वहीं महामंदिर का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को करेंगे।
महायज्ञ के प्रथम दिन स्वर्वेद कथामृत के प्रवर्तक सन्त प्रवर श्री विज्ञान देव जी महाराज ने कहा कि सत्य पर पूर्ण विश्वास ही श्रद्धा है। जो श्रद्धावान है वही ज्ञान की प्राप्ति कर शांति का अनुभव करता है। अध्यात्म ही वह समाधान है जिससे सभी समस्याएं सुलझ जाती हैं। जीवन का सर्वागींण विकास अध्यात्म से ही सम्भव है।
महाराज जी ने कहा कि मानव जीवन ईश्वर का महान प्रसाद है। ईश्वर का रहस्य मानव में निहित है। हम जीवन कहें या सत्य कहें बात एक है। जीवन को ठीक-ठीक जान लिया, इसका अर्थ है हमने परमसत्य का साक्षात कर लिया, क्योंकि जीवन का आधार परमात्मा है, जो आनन्द स्वरूप है।

Swarved Temple: सत्य, श्रद्धा, समर्पण और सेवा का समन्वय
उन्होंने कहा कि जहां प्रेम है वहीं परमात्मा का वास है। जहां सत्य, श्रद्धा समर्पण, सेवा भाव है वहीं आत्मा का कल्याण और परमात्मा का प्रकाश है। संत प्रवर विज्ञान देव जी महाराज की दिव्यवाणी स्वर्वेद कथामृत के रूप में लगभग ढाई घंटे तक प्रवाहित होती रही। स्वर्वेद के दोहों की संगीतमय प्रस्तुति से सभी मंत्रमुग्ध हो उठे। संतश्री ने ओजस्वी वाणी में ब्रह्मविद्या विहंगम योग के सैद्धांतिक पक्ष को प्रकाशित करते हुए स्वर्वेद की अजस्र ज्ञानगंगा को प्रवाहित किया।
मानव मन की शांति व आध्यात्मिक उत्थान के निमित्त ब्रह्मविद्या विहंगम योग के क्रियात्मक ज्ञान की दीक्षा आगत नए जिज्ञासुओं को दिया जा रहा। हजारों नए श्रद्धालुओं ने विहंगम योग की ज्ञानधारा से जुड़कर मानव जीवन को आध्यात्मिक पथ पर अग्रसर किया। इस महायज्ञ आयोजन में प्रतिदिन निःशुल्क योग, आयुर्वेद पंचगव्य, होम्योपैथ आदि चिकित्सा पद्धतियों द्वारा कुशल चिकित्सकों के निर्देशन में रोगियों को चिकित्सा परामर्श भी दिया जा रहा है।

Swarved Temple: श्रद्धालुओं का लगा रहा हुजूम
महायज्ञ के प्रथम दिन भारत देश में ऋषि और कृषि की परम्परा को आगे बढ़ाने के लिए स्वर्वेद महामंदिर के प्रांगण में ‘गो-सेवाग्राम’ प्रदर्शनी भी लगाई गई है। जिसे देखने के लिए श्रद्धालुओं का हुजूम लगा रहा।
सायंकालीन सत्र में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति अत्यंत आनन्ददायी रही। इस कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों से आए अनुयायी कलाकारों द्वारा अलग अलग राज्य के अनुसार संस्मृतिक कार्यक्रमों के प्रदर्शन ने उपस्थित श्रद्धालुओं का मन मोह लिए।
इसी के साथ महायज्ञ परिसर में भारतीय संस्कृति व्यंजनशाला तैयार किया गया है। जिसमे उत्तर भारतीय व्यंजन से लेकर दक्षिण तक के अलग अलग राज्यों के प्रसिद्ध व्यंजनो का स्टाल भी लगाया गया है, जिसका लुत्फ आगत श्रद्धालुगण उठा रहे।

प्रदूषण मुक्त वाहनों का किया प्रयोग
महायज्ञ के लिए पाँच किलोमीटर क्षेत्र में फैले 200 एकड़ के परिसर में भक्तों, अनुयायियों को स्वागत केंद्र से आवास तक जाने में किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए आश्रम द्वारा प्रदूषण मुक्त 50 ई रिक्सा चलाया गया है। स्वर्वेद महामन्दिर से सटे गांव उमरहा , डुबकियां और आसपास मिनी कुम्भ जैसा प्रतीत हो रहा।
Highlights
सीसीटीवी की नज़र में पूरा कार्यक्रम क्षेत्र
सुरक्षा की दृष्टि से पूरे महायज्ञ क्षेत्र पर नजर रखने के लिए सीसी कैमरे लगा दिए गए हैं। साथ ही 800 विहंगम सुरक्षा बल तैनात हैं। साथ प्रशासन की ओर से पुलिस बल , महिला पुलिस, अग्निशमन ब्रिगेड की भी सुरक्षा लगाई गई है। इस महायज्ञ में भारत के कोने कोने से लगभग डेढ़ लाख श्रद्धालु पहुंचकर हवन यज्ञ में आहुतियां प्रदान करेंगे।