बटलर संग नाबाद शतकीय साझेदारी से इंग्लैंड को फाइनल में पहुंचाया
पांड्या-कोहली की अर्धशतकीय पारियां नाकाफी, गेंदबाजी हत्थे से उखड़ी
एडिलेड। एडिलेड ओवल पर गुरुवार की देर शाम क्रिकेट प्रेमियों ने ‘हेल्सस्ट्राम’ देखा, जिसने भारतीय अरमानों को बहा डाला। दस विकेट की हार भारत के गले पड़ी और उसका विजेता बनने का सपना ध्वस्त हो गया। टी-20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में एलेक हेल्स (नाबाद 86 रन, 47 रन, सात छक्के, चार चौके) की तूफानी पारी के आगे भारतीय गेंदबाज स्तब्ध नजर आए। उनके साथ ही चले कप्तान बटलर (नाबाद 80 रन, 49 गेंद, तीन छक्के, नौ चौके) भी कम नहीं थे। 169 का लक्ष्य केवल 16 ओवरों में पाकर अंग्रेजों ने दिखाया कि उनके लिए दो सौ का लक्ष्य भी कुछ नहीं था। 2013 में आखिरी बार आईसीसी ट्रॉफी जीतने वाली भारतीय टीम के पास 2007 वाला कारनामा दोहराने का मौका था, पर एक बेहतर बल्लेबाजी यूनिट के सामने वह लाचार दिखी। अब इंग्लैंड की टक्कर रविवार को एमसीजी पर पाकिस्तान से होगी, जिसे करोड़ों लोगों की तरह भारत के आने का इंतजार था। भारत का छह ओवरों में छह विकेट पर 168 का स्कोर कमजोर नहीं था, लेकिन अंग्रेज ओपनरों ने उसे बौना बना दिया।
भारत को टॉस हारने से भारी झटका लगा क्योंकि उसकी रणनीति यही थी कि लक्ष्य का पीछा करेंगे। पर सिक्के की उछाल पर मिली हार ने उसकी मानसिकता गड़बड़ कर दी और इसका असर शुरुआती ओवरों में दिखा। पॉवर प्ले में रफ्तार नहीं पकड़ सकी बल्लेबाजी ने जब गियर बदला तो देर हो चुकी थी। पांड्या की 33 गेंदों पर 63 की पारी ही टी-20 के स्टैंडर्ड से मेल खा रही थी। उनके मारे गए पांच छक्कों ने भारतीयों में उत्साह भर दिया था। कोहली ने 50 रन बनाए, पर जब उनका एक्सिलेटर पर पैर रखने का मन हुआ तो आउट हो गए।

जहां तक इंग्लैंड का सवाल है तो हाल के वर्षों में उसने अपने खेल की ब्रैंडिंग बदल दी है। अब उसने ऐसे खिलाड़ियों को लगातार चिह्र्ति किया है जो फटाफट क्रिकेट को ही समझते हैं। यहां भी उसने आक्रमण स्ट्रोक प्ले को कभी कमजोर नहीं होने दिया और लगातार गेंदबाजी पर हमलावर रहा। नतीजा, भारत अपनी रणनीति पर अमल ही नहीं कर सका। जो अर्शदीप या भुवनेश्वर शुरू में मारक दिख रहे थे, आते ही पिट गए। भुवनेश्वर को पहले ही ओवर में बटलर ने तीन चौके मारकर संकेत दे दिया था कि क्या होने वाला है। शमी शायद कुछ देर में लाए गए और जमे बल्लेबाजों के सामने फीके साबित हुए। इसके अलावा अंग्रेज बल्लेबाजों ने मैदान की छोटी स्क्वायर बाउंड्री का बेहतर इस्तेमाल किया और मनमर्जी से रन बनाए।
इन तीन कारणों से मैच में हारी टीम इंडिया
टी-20 वर्ल्डकप में इंग्लैंड ने भारत को दस विकेट से हराया। इस मैच को देखते हुए दर्शकों को कहीं से भी नहीं लगा कि टीम इंडिया मन से खेल रही हो। इस मैच में टीम इंडिया का अत्यंत बुरा प्रदर्शन रहा। पहली पारी में भारतीय टीम ने थोडा बहुत खेला, लेकिन वह जीत के लिए नाकाफी रहा। जहां भारत ने इस मैच में इंग्लैंड के सामने 20 ओवर में 6 विकेट पर 168 रन बनाए, वहीँ इंग्लैंड की टीम के ओपनर बैट्समैन ने पहले ही विकेट के लिए 170 रन की साझेदारी करते हुए 16 ओवर में 170 रन बनाकर 10 विकेट से भारत को हरा दिया। आखिर टीम इंडिया को इतनी बुरी हार का सामना कैसे करना पड़ा। अभी हम इन्हीं कारणों के बारे में बात करेंगे।
रोहित शर्मा का ख़राब प्रदर्शन
इंग्लैंड की टीम में जोस बटलर ने भारत के दिए हुए चैलेंज का अनुमान लगा लिया था। रोहित शर्मा ने कहा था कि पहले हम पहले बल्लेबाजी करना चाहते थे। लेकिन वे स्कोर बोर्ड पर इंग्लैंड के रन को देखते हुए भी पर्याप्त रन नहीं बना पाए। इंग्लैंड के गेंदबाजों ने छोटी बाउंड्री वाली एडिलेड मैदान पर भारत को 168 रन पर ही रोक दिया, जो उनके लिए बेहद फायदेमंद रहा।
के० एल० राहुल व रोहित शर्मा से उम्मीदें
के० एल० राहुल ने बहुत अच्छा नहीं खेला। वे शुरुआत में ही 5 रन बनाकर आउट हो गए। रोहित शर्मा से टीम को काफी उम्मीदें थीं, लेकिन वे भी 27 रन बनाकर मैदान छोड़ चले। इन दोनों के आउट होने के बाद टीम इंडिया दबाव में आ गई। भारत ने 56 रन पर दो विकेट गंवा दिए। जिसके बाद सारा दबाव कोहली पर आ गया। जो चाहते हुए भी खेल नहीं पाए।
अच्छी गेंदबाजी न होना
भारत ने इस वर्ल्डकप में न तो अच्छे रन बनाए और न ही अच्छी गेंदबाजी कि। इस मैच में भारतीय टीम की स्विंग नजर नहीं आई। जिसका नतीजा यह हुआ कि भारतीय बल्लेबाज बिल्कुल बेअसर साबित हो गए। भुवनेश्वर और अर्शदीप ही नहीं बल्कि सहमी भी बेरंग और बेजान नजर आये। जिसका नतीजा यह हुआ कि इस मैच में भारत का अत्यंत ख़राब रहा।