- भारत-जापान के मैत्री संबंध पर हुई संगोष्ठी
वाराणसी। भारत और जापान के मैत्री संबंध पर आधारित एक सांगीतिक गोष्ठी भेलूपुर स्थित शिल्पायन के कालविंट सभागार में बुधवार को संपन्न हुई। इस गोष्ठी में जापान से आये 12 सदस्यीय दल ने भागीदारी की। जापान से आए हुए दल ने काशी में प्रख्यात गायक पं. देवाशीष डे एवं गायिका डा. रागिनी सरना से भारतीय शास्त्रीय संगीत की बारीकियां सीखी। काशी में पांच दिनों तक रह कर यह जापानी दल भारतीय शास्त्रीय संगीत की बारीकियों की और भी जानकारी लेगा।

इस दौरान जापानी दल ने भारतीय शास्त्रीय संगीत के बारे में कई सवाल भी पूछे जिसका पं देवाशीष दे एवं डॉ रागिनी सरना ने समुचित उत्तर देकर उन्हें संतुष्ट किया। इस प्रकार भारतीय संस्कृति काशी के वैभवपूर्ण संगीत परंपरा से जापान के दल का बखूबी परिचय हुआ। जापानी दल का पिछले दिनों अस्सी घाट स्थित सुबह-ए-बनारस के मंच पर गायन भी हुआ।
पं. देवाशीष डे ने बताया कि अब उनका 24,25 व 26 फरवरी को भारत-जापान के मैत्री संबंध को लेकर फिर संगोष्ठी होगी। इसमें 24 फरवरी को शिल्पायन में कार्यक्रम आयोजित है। जापानी दल में दो पुरुषों के अलावा शेष महिलाएं शामिल हैं जो भारतीय शास्त्रीय संगीत को जानने के लिए उत्सुक हैं। दल ने शास्त्रीय गायन में राग दुर्गा, वैरागी भैरव, भीम पलासी व राग यमन के बारे में जानकारी ली।