मुंह से बदबू आना या सांस की दुर्गंध एक आम समस्या है जिससे बहुत से लोग पीड़ित रहते हैं। बेशक यह हल्की समस्या है लेकिन इससे आपको शर्मिंदगी का सामना करना पड़ सकता है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन पर प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, दुनिया में 5 से 60% लोग सांसों की बदबू की समस्या से पीड़ित हैं।
मुंह से दुर्गंध आने के कारण क्या है? चिंता की बात यह है कि कुछ लोग मुंह की सफ-सफाई का ध्यान रखते हैं और लहसुन या प्याज जैसे महकने वाली चीजें नहीं खाते फिर भी उनके मुंह से बदबू आती है। आईये जानते है ऐसी ही कुछ आयुर्वेदिक हर्ब्स के बारे में जो रखेंगी आपकी ओरल हेल्थ का ध्यान –
ओरल हेल्थ को स्वस्थ रखेंगी ये 5 आयुर्वेदिक हर्ब्स
नीम
नीम एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होती है। इसकी टहनियों का इस्तेमाल आज भी दांतों को साफ करने के लिए दातुन के रूप में किया जाता है। इसमें मौजूद गुण मुंह की बदबू दूर करने से लेकर दांतों को मजबूत बनाने में प्रभावी होते।
लौंग
आयुर्वेद में लौंग का इस्तेमाल टूथपेस्ट और माउथ वॉश बनाने के लिए किया जाता है। यह एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुणों से भरपूर होती है। इसमें मौजूद यूजेनॉल मुंह में बैक्टीरिया को पनपने से रोकता है और मुंह की बदबू को दूर करता है।
तुलसी
आयुर्वेद में तुलसी का इस्तेमाल एक शक्तिशाली औषधि के रूप में किया जाता है। तुलसी की पत्तियों में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-माइक्रोबियल, एंटी-फंगल और एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते हैं। तुलसी दांतों में सड़न पैदा करने वाले बैक्टीरिया को नष्ट करती है। इसमें मौजूद गुण मुंह की बदबू, दांत में दर्द और मसूड़ों से खून आना जैसी समस्याओं से छुटकारा दिला सकते हैं।
त्रिफला
दांतों को सफेद और चमकदार बनाने के लिए त्रिफला का इस्तेमाल फायदेमंद साबित हो सकता है। यह तीन शक्तिशाली आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों- आंवला, हरड़ और बहेड़ा को मिलाकर बनता है। इसमें विटामिन सी, एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं।
मुलेठी
दांतों को साफ करने और दांतों की कई समस्याओं के इलाज के लिए मुलेठी एक बेहतरीन जड़ी-बूटी है। इसमें बायो एक्टिव घटक होते हैं, जो दांतों और मसूड़ों को स्वस्थ रखने में मददगार होते हैं।
Anupama Dubey