- दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की
- पिता की तहरीर पर चार के खिलाफ मुकदमा दर्ज
वाराणसी। महमूरगंज स्थित आधार कार्ड बनाने वाली निजी कंपनी के कार्यालय में काम करने वाले ईश्वरगंगी निवासी सत्यम सागर चौरसिया ने बीते 10 जून को चार पन्नों के सुसाईड नोट को ट्वीट किया और जहर खाकर खुदकुशी कर ली। मंगलवार को सत्यम के पिता ने नामजद चार लोगों के खिलाफ तहरीर दी और मौत के तीन दिन बाद पुलिस ने सुसाइड नोट के आधार पर गर्लफ्रेंड वैशाली मौर्य, उसकी मां साधना मौर्य, भाई आदित्य और आदित्य की पत्नी सोनाली के खिलाफ सिगरा थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया। इस घटना से पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई।
सत्यम के पिता ने कहा कि वो मेरा इकलौता बेटा था। उसकी मौत के जिम्मेदारों को जेल भेजा जाए। मेरे बेटे ने मरने से पहले सुसाइड नोट ट्वीट किया था। इसमें आरोपियों के नाम लिखे गए थे। प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और सत्या फाउंडेशन को टैग किया था। मेरे बेटे को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने वालों को जेल भेजा जाना चाहिए। जैतपुरा थाना अंतर्गत ईश्वरगंगी निवासी सत्यम सागर चौरसिया सिगरा थाना अंतर्गत महमूरगंज स्थित आधार कार्ड बनाने वाली कंपनी में काम करता था। उसके सुसाइड नोट से पता चला था कि वो शादी टूटने से आहत था। बीते शनिवार शाम लगभग पांच बजे सत्यम ने अपने कार्यालय में ही विषाक्त पदार्थ खा लिया था। उसने अपने ट्विटर हैंडल पर चार पेज का सुसाइड नोट भी साझा करते हुए महिला मित्र, उसके पिता, दीदी-जीजा को आरोपी बताते हुए पुलिस, प्रशासन और सत्या फाउंडेशन के सचिव चेतन उपाध्याय से कार्रवाई की मांग की थी। तबीयत बिगड़ने के बाद सत्यम को बीएचयू स्थित इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया था, जहां रविवार को उसकी मौत हो गई। परिजनों ने देर रात मणिकर्णिका घाट पर उसका अंतिम संस्कार कर दिया।
बता दें कि 10 जून को महमूरगंज के बैंक ऑफ़ इंडिया के पास सत्यम ने अपने ऑफिस में ही सल्फास खा लिया था। वह डाटा एंट्री आपरेटर का काम करता था। तबीयत बिगड़ने पर ऑफिस के साथी उसे गैलेक्सी अस्पताल गए। वहां से डॉक्टरों ने जवाब दे दिया, तो फिर उसे इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया। इस दौरान डॉक्टरों ने सत्यम को मृत घोषित कर दिया। पोस्टमॉर्टम के बाद डॉक्टरों ने बताया कि शाम को सात बजकर 34 मिनट पर उसकी मौत हुई थी। रविवार को सत्यम का पोस्टमॉर्टम हुआ और देर रात मणिकर्णिका घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया। इधर, सत्यम के परिजनों में भी काफी गुस्सा है। मौत के पहले सत्यम ने अपने ट्वीट में सत्या फाउंडेशन के चेतन उपाध्याय को भी टैग किया था। चेतन ने बताया कि सामाजिक कार्य के दौरान करीब छह साल पहले सत्यम से मुलाकात हुई थी। वो शांत स्वभाव का अच्छा लड़का था। मैंने ही ट्वीट देखकर इस मामले की जानकारी यूपी पुलिस को दी थी। इसके बाद पुलिस ने हमसे एड्रेस पूछा, जिसकी जानकारी हमें नहीं थी। इसके बाद पुलिस ने फोन नंबर की लोकेशन की मदद से सत्यम को ट्रैक किया। हमने सत्यम को कॉल किया तो वह बोला-सर, तबीयत ठीक नहीं लग रही है। घबराहट हो रही है। इसके बाद फोन कट जाता है और दोबारा कॉल नहीं उठती है।
मुझे न्याय चाहिए, प्लीज आप लोग न्याय दिलाए
हमेशा लड़के ही गलत नहीं होते हैं। मुझे न्याय चाहिए, प्लीज आप लोग न्याय दिलाए……यह सुसाइड नोट ट्विटर पर साझा करते हुए सत्यम सागर चौरसिया (28) ने जहर खाकर जान दे दी। उसने सुसाइड नोट में अपनी महिला मित्र, उसके पिता और दीदी-जीजा को जिम्मेदार ठहराते हुए कठोर सजा की मांग भी की थी। मंगलवार को सत्यम के पिता की तहरीर पर सिगरा थाने में तहरीर दी। पुलिस ने लेबर चौराहा नाटी इमली निवासी वैशाली मौर्या, उसकी मां साधना मौर्य, भाई आदित्य मौर्य और आदित्य की पत्नी सोनाली के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच में जुटी गई।
सुसाइड नोट में परिजनों से मांगी माफी
सत्यम सागर चौरसिया ने सुसाइड नोट में लिखा कि युवती के साथ उसका 10 वर्ष का गहरा रिश्ता था और इसको सिद्ध करने के लिए उसके मोबाइल में लंबी-लंबी चैट और तमाम फोटो के रूप में ढेरों सबूत पुलिस को जांच में मिल जाएंगे। सत्यम ने इस सुसाइड नोट में अपने माता-पिता और शादीशुदा दो बहनों से माफी मांगी। अपने सभी मित्रों, रिश्तेदारों और ऑफिस के बॉस से माफी मांगी। अपने घर पर ट्यूशन पढ़ने वाली दो बच्चियों से भी माफी मांगी।