NEET परीक्षा के परिणाम घोषित होने के बाद पूरे देश के छात्राओं में आक्रोश है। पुरे देश में परीक्षा के परिणाम को लेकर बवाल मचा है। इसे लेकर एक तरफ जहाँ परीक्षा कराने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी शक के घेरे में है। वहीं दूसरी तरफ छात्र और अध्यापक लगातार NTA पर सवाल खड़े कर रहे है। सबसे बड़ा सवाल देशभर में 67 छात्रों के टॉपर होने पर है, उससे भी ज्यादा बड़ा सवाल एक ही सेंटर से 11 छात्रों के टॉप होने का है।
इस मामले को लेकर अध्यापक सीधे तौर पर सवाल खड़े कर रहे है आखिर 718-719 नंबर बच्चे कैसे पा सकते है? नीट परिणाम को लेकर छात्रों का आक्रोश शनिवार को वाराणसी में भी फुट पड़ा। छात्रों ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) गेट पर प्रदर्शन किया।

NEET की तैयारी कर रहे सैकड़ों छात्र सड़क पर उतरे। वह हाथों में तख्ती लेकर न्याय की मांग कर रहे है। उनकी तख्तियों पर ” चोरी हो गई मेरी सीट, वी वांट री-नीट, एनटीए की गुंडागर्दी है नीट का रिजल्ट फर्जी है, फंसे रहे हम रेस में सीट ले गए ग्रेस में, 25 लाख बच्चों से धोखा नीट का पेपर फिर से होगा, देगा एनटीए फर्जी नंबर लेंगे जाने फर्जी डॉक्टर, ” जैसे स्लोगन के साथ छात्रों ने अपना आक्रोश व्यक्त किया।

NEET परीक्षा में पहली बार दिया गया ग्रेस मार्क
इस दौरान छात्र छात्राओं व अध्यापकों का कहना रहा कि जिस तरह का परिणाम इस बार आया है, ऐसा रिजल्ट आज तक नहीं आया था। पहली बार ग्रेस मार्क दिया गया, जो सरासर बेईमानी है। एक ही सेंटर पर 720 में 720 आठ आठ स्टूडेंट्स ने पाए है, बहुत से बच्चे 718-719 नंबर पाए है यह कभी हो ही नहीं सकते।

उन्होंने कहा कि यह मामला दर्शाता है कि बेईमानी बड़े पैमाने पर हुई है। उन्होंने बताया कि पटना में NEET प्रश्न पत्र के लीक होने की घटना प्रकाश में आई, एफआईआर भी दर्ज हुई है लेकिन जांच ढंग से नहीं हो राहु है। सरकार और एनटीए 24 लाख भावी डॉक्टर के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे है।
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